Pawan Singh Jyoti Singh Row: भोजपुरी सिनेमा स्टार पवन सिंह पिछले काफी समय से अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में हैं. वाइफ ज्योति सिंह को लेकर विवाद काफी गहराया हुआ है. हालांकि, कपल के तलाक का मामला कोर्ट में है. लेकिन, इस बीच ये विवाद तब और गहरा गया, जब ज्योति उनसे मिलने के लिए घर पहुंचीं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके लिए पुलिस को तैनात किया गया था. इसके बाद दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप-प्रत्यारोप लगाया. एक्टर ने पत्नी पर चुनाव लड़ने का आरोप भी लगाया. ऐसे में अब पवन के ससुर ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए सच्चाई बताई है.
दरअसल, आज तक में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पवन सिंह के ससुर रामबाबू सिंह ने पवन सिंह और ज्योति के विवाद पर बात करते हुए सच्चाई बताई. उन्होंने उस बात का भी जिक्र किया, जिसमें पवन ने दावा किया था कि ज्योति के पिता उनके पास आए थे और बेटी को विधायिकी लड़वाने की बात कही थी. पवन सिंह के अनुसार, ये भी कहा था कि विधायिक बनने के बाद वो ज्योति रखें चाहे छोड़ दें ये उनकी मर्जी होगी. एक्टर दामाद के इस बयान पर रामबाबू ने सफाई दी है.
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पैरों में गिरकर लगाई थी बेटी को अपनाने की गुहार- रामबाबू
रामबाबू ने इस पर बात करते हुए कहा कि ये तीन महीने पहले की बात है. वो लखनऊ गए थे. उस समय भी उन्हें घर में घुसने नहीं दिया जा रहा था. लेकिन वह जबरदस्ती उनके घर में घुस गए थे. ज्योति सिंह के पिता ने दामाद से पूछा कि वह कितना झूठ बोलेंगे? इतना ही नहीं रामबाबू ने सच्चाई बताते हुए पवन से पूछा कि उन्होंने ये क्यों नहीं बताया कि ज्योति के पिता उनके पैरों में गिरकर अपनी बेटी को अपनाने की जिद कर रहे थे. वह रो-रोकर उनकी बेटी के लिए गुहार लगा रहे थे.
रामबाबू ने पवन सिंह को लोकसभा चुनाव याद दिलाते हुए बेटी ज्योति सिंह की मेहनत और समर्पण को लेकर कहा कि उनके लिए ज्योति ने तपस्या की, लोकसभा चुनाव में उनके लिए प्रचार किया. उन्होंने ये भी कहा कि पवन सिंह एसी में सोए रहते थे. रामबाबू ने बताया कि वह खुद भी चुनाव प्रचार के लिए गए थे. उनकी बेटी दिन रात लगी रहती थी. ये सब देखकर वो काफी खुश थे कि दोनों अब एक हो जाएंगे और उनका घर बस जाएगा. उन्होंने बेटी को लेकर कहा कि उन्हें उनकी बेटी जैसी मिलेगी नहीं. अब वो ज्योति को खो चुके हैं और वह मानते हैं कि इसमें सबसे बड़ा हाथ पवन सिंह का है.
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ज्योति सिंह के चुनाव लड़ने पर बोले रामबाबू
इतना ही नहीं, रामबाबू ने बेटी ज्योति सिंह के चुनाव लड़ने पर भी बात की. उन्होंने सफाई दी कि आखिर क्यों उनकी बेटी ने चुनाव में आने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि ज्योति ने ये फैसला नहीं किया. काराकट से इलेक्शन हारने के बाद उनकी बेटी ने एक पोस्ट शेयर किया था कि अभी बहुत दमखम है. वो हारे नहीं हैं. रामबाबू ने दावा किया कि उनके ऐसा बोलने के बाद काराकाट के लोगों ने उन्हें बुलाया और कहा कि पवन सिंह जब नहीं आ रहे हैं तो वो आएं. पवन सिंह के ससुर ने दावा किया कि वहां के लोगों ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा और अपना साथ देने का वादा किया. उनका मानना है कि फिर इसके बाद उनकी बेटी को जो समझ आया वो किया.
गौरतलब है कि रामबाबू ने ये भी बताया कि उनकी बेटी इस समय पटना में हैं. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी ने उनसे कहा कि अगर कोई टिकट नहीं देगा तो वह निर्दलीय ही चुनावी मैदान में उतरेंगी.
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