Mannu Kya Karegga Movie Review: आज की भागदौड़ भरी लाइफ में जब ज्यादातर यंगस्टर्स करियर और पर्सनल लाइफ के बीच कंफ्यूजन में जी रहे हैं, तभी डायरेक्टर संजय त्रिपाठी लेकर आते हैं “मन्नू क्या करेगा?”। शरद मेहरा के प्रोडक्शन में बनी ये फिल्म न तो किसी बड़े ड्रामे के जरिए शोर करती है, न ही ओवरड्रामैटिक ट्विस्ट्स दिखाती है। बल्कि ये कहानी छोटे-छोटे पलों के जरिए हमें हंसाती है, सोचने पर मजबूर करती है और कभी-कभी दिल को भी छू जाती है। रोमांस, दोस्ती और हल्की-फुल्की नोक-झोंक से सजी यह फिल्म आज की जनरेशन की असलियत को बड़े सहज अंदाज में सामने रखती है।
मूवी की कहानी
फिल्म की शुरुआत देहरादून के एक बड़े कॉलेज के मैदान से होती है, जहां मानव चतुर्वेदी उर्फ मन्नू (व्योम) अपनी टीम को फुटबॉल मैच में जीत दिलाते नजर आता है। मन्नू हर चीज़ में अच्छा है चाहे खेल हो, पढ़ाई, IT, ड्रामा या फिर आजकल का ट्रेंडी AI कोर्स। उसकी पर्सनैलिटी स्मार्ट और एनर्जेटिक है, जिससे वह कॉलेज का पॉपुलर लड़का बन चुका है। लेकिन उसकी सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि उसे खुद पता नहीं कि असल में वह क्या चाहता है। उसकी ये ही कंफ्यूजन उसके टैलेंट और पर्सनल लाइफ पर भारी पड़ने लगती है।
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लेकिन मन्नू की इस उलझी हुई दुनिया में तब नया मोड़ आता है जब उसकी जिंदगी में जिया रस्तोगी (साची बिंद्रा) की एंट्री होती है। जिया पूरी तरह से फोकस्ड लड़की है, जिसे अच्छे से पता है कि उसे अपनी जिंदगी में क्या पाना है। DU से UPES ट्रांसफर होकर आई जिया अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्टैनफोर्ड या हार्वर्ड तक पहुंचने का सपना देखती है। इसी दौरान एक कॉलेज ट्रिप मन्नू और जिया को करीब ले आती है। प्यार के एहसास में डूबा मन्नू जिया को इंप्रेस करने के लिए ऐसा कदम उठा लेता है, जिसका सच सामने आते ही उसकी इमेज, रिश्ते और भरोसा सब कुछ दांव पर लग जाता है। तभी उसकी जिंदगी में गाइड बनकर आते हैं प्रोफेसर डॉन (विनय पाठक), जो मन्नू को खुद को पहचानने और सही राह चुनने की दिशा दिखाते हैं।
मूवी में दिखेंगे उतार-चढ़ाव
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस उतार-चढ़ाव भरी कहानी में क्या मन्नू आखिरकार खुद को और अपने सपनों को सही मायने में समझ पाएगा? क्या जिया उसके झूठ और सच्चाई के बीच फर्क समझ कर उस पर फिर से भरोसा कर पाएगी? क्या उसकी बनाई हुई उलझनें सुलझ कर उसे सही रास्ते पर ले जाएगी? और क्या मन्नू की जिंदगी वाकई अपनी मंजिल तक पहुंच पाएगी? इन सब सवालों के जवाब छिपे हैं इस हल्की-फुल्की और दिल को छू लेने वाली फिल्म में, जो आपको न सिर्फ एंटरटेन करती है बल्कि अपने भीतर कहीं गहरे तक महसूस भी होती है।
मूवी की कास्ट
लीड जोड़ी के तौर पर व्योम और साची बिंद्रा फिल्म की सबसे बड़ी ताकत साबित होते हैं। व्योम ने एक कन्फ्यूज लेकिन दिल से अच्छे कॉलेज बॉय मन्नू को इतने नेचुरल अंदाज़ में निभाया है कि आप उससे तुरंत जुड़ जाते हैं। वहीं साची ने अपने किरदार जिया को स्मार्ट, स्ट्रॉन्ग और फोकस्ड अंदाज में पेश कर के स्क्रीन पर ताजगी ला दी है। सपोर्टिंग कास्ट की बात करें तो विनय पाठक अपने अनोखे अंदाज़ में प्रोफेसर डॉन का रोल निभाकर कहानी को गहराई देते हैं। वहीं कुमुद मिश्रा और चारू शंकर मन्नू के माता-पिता बनकर फिल्म में भावनात्मक गर्माहट और मजबूती दोनों लेकर आते हैं।
फिल्म का म्यूजिक
फिल्म का संगीत इसकी असली जान बनकर सामने आता है। मन्नू तेरा क्या होगा?, फना हुआ, हमनवां और तेरी यादें जैसे 9 गानों से सजी यह एल्बम हर सीन को और असरदार बनाती है। ये गाने सिर्फ कहानी का हिस्सा नहीं लगते, बल्कि हर मौके पर इसमें नई ताजगी और गहराई जोड़ते हैं, जिससे फिल्म का इमोशनल कनेक्शन और मजबूत हो जाता है।
राधिका मल्होत्रा का स्क्रीनप्ले शानदार
सौरभ गुप्ता और राधिका मल्होत्रा का स्क्रीनप्ले बेहद सहज और दिल को छूने वाला है। हर फ्रेम ऐसे लगता है जैसे खुद अपनी छोटी-सी कहानी बयां कर रहा हो। वहीं, सिनेमैटोग्राफी देहरादून की खूबसूरती और कॉलेज कैंपस के माहौल को इस तरह कैद करती है कि दर्शक अपने कॉलेज के दिनों में लौटने पर मजबूर हो जाते हैं। कहानी, किरदार और माहौल मिलकर फिल्म को शुरुआत से अंत तक रोचक बनाए रखते हैं।
देहरादून की खूबसूरत वादियां मूवी में आएंगी नजर
क्यूरियस आई फिल्म्स की शरद मेहरा द्वारा प्रोड्यूस और संजय त्रिपाठी द्वारा डायरेक्टेड मन्नू क्या करेगा? आज की जनरेशन की उलझनों और खुद को खोजने की जद्दोजहद को बड़े ही भावुक और सच्चे अंदाज में दिखाती है। पैशन से बनी इस फिल्म में दिल को छू लेने वाली कहानी है, जिसमें रिलेटेबल किरदार, शानदार म्यूजिक और देहरादून की खूबसूरत वादियां हर चीज को एक साथ जोड़ती हैं।
अगर इस वीकेंड आप हंसी, दोस्ती, प्यार और खुद को तलाशने की इस हल्की-फुल्की लेकिन दिल छू जाने वाली कहानी को अपने दोस्तों या परिवार के साथ देखते हैं, तो यह एक यादगार अनुभव साबित होगा।
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