Happy Birhday Mandakini: हिंदी सिनेमा की हसीनाओं की अगर बात हो और ‘मंदाकिनी’ का नाम ना आए, ऐसा भला कैसे हो सकता है? फिल्मी दुनिया में मंदाकिनी के नाम से मशहूर यास्मीन जोसेफ ठाकुर जानी-मानी एक्ट्रेस हैं। यास्मीन जोसेफ ठाकुर यानी मंदाकिनी ने इंडस्ट्री को कई शानदार फिल्में दी है। अब सवाल ये है कि यास्मीन का नाम मंदाकिनी कैसे पड़ा? आइए जानते हैं इसके बारे में…
यास्मीन कैसे बनीं ‘मंदाकिनी’?
यास्मीन जोसेफ ठाकुर का नाम ‘मंदाकिनी’ ऐसे नहीं पड़ा। उन्हें ये नाम पॉपुलर फिल्म निर्देशक राज कपूर ने दिया था। जी हां, राज कपूर ने ही यास्मीन का नाम मंदाकिनी रखा था। जब यास्मीन महज 16 साल की थी, तब राज कपूर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए कास्ट किया था। यास्मीन का स्क्रीन नाम ही ‘मंदाकिनी’ रखा गया था। राज कपूर ने ये नाम इसलिए चुना था क्योंकि वो फिल्म के लिए एक पवित्र नदी जैसी छवि वाली लड़की की तलाश में थे। इसके बाद से ही यास्मीन जोसेफ ठाकुर को ‘मंदाकिनी’ के नाम से जाना जाने लगा।
फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’
गौरतलब है कि 30 जुलाई को यास्मीन का मेरठ में जन्म हुआ था। 16 साल की उम्र से ही यास्मीन पर्दे पर नजर आने लगी थी। उनका काम दर्शकों को बेहद पसंद आता था और उन्होंने अपने काम से एक अलग पहचान बना ली थी। 1985 में जब यास्मीन को पहली फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ मिली, तो इस फिल्म में उन्हें लीड एक्ट्रेस का रोल मिला। मंदाकिनी की पहली फिल्म ही उनके लिए यादगार बन गई।
पर्सनल लाइफ को लेकर रही सुर्खियों में
इस फिल्म के लिए मंदाकिनी को फिल्मफेयर के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नॉमिनेशन दिलाया। फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ के बाद मंदाकिनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक फिल्में करती गईं। ना सिर्फ अपनी प्रोफेशनल लाइफ बल्कि मंदाकिनी अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी सुर्खियों में रही हैं। 1990 के दशक की शुरुआत हुई, तो मंदाकिनी का नाम दाऊद इब्राहिम से जोड़ा गया। हालांकि, मंदाकिनी ने उनके संग किसी भी रिश्ते की अफवाह का खंडन किया था। एक्ट्रेस ने डॉ. काग्यूर टी. रिनपोछे ठाकुर से शादी की है।
यह भी पढ़ें- हिंदी गानों को आवाज देने वाली मशहूर विदेशी सिंगर कौन हैं? जिनके मिलियंस में व्यूज; कैंसर को दी चुकी हैं मात