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Olympic में खेल चुका है बॉलीवुड का ये एक्टर, एशियन गेम्स में जीते 2 गोल्ड मेडल

Praveen Kumar Sobti Inside Story: टीवी की मशहूर महाभारत का हिस्सा रह चुके प्रवीण कुमार सोबती भले ही इस दुनिया में अब नहीं हों लेकिन उनका नाम इंडियन एथलीट के इतिहास के सबसे महान एथलीट में लिया जाता है।

Edited By : Jyoti Singh | Updated: Aug 10, 2024 13:29
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Praveen Kumar Sobti Inside Story
Praveen Kumar Sobti Inside Story.

Praveen Kumar Sobti Inside Story: टीवी पर आई बीआर चोपड़ा की मशहूर ‘महाभारत’ तो आपको याद ही होगी। शो में प्रवीण कुमार सोबती ने ‘भीम’ का किरदार निभाया था जिसने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई। आज भले ही एक्टर इस दुनिया में न हों लेकिन उनके यादगार किरदारों को लोग आज भी याद करते हैं। आज भी जब महाभारत की बात आती है तो खासकर भीम के किरदार में उन्हीं का चेहरा लोगों के जेहन में आता है। हालांकि इस धार्मिक शो के अलावा प्रवीण कई फिल्मों का हिस्सा भी रहे चुके थे। उन्होंने अपने करियर में रक्षा, पनाह, युद्ध, मेरी आवाज सुनो और सिंहासन जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में अपना योगदान दिया था लेकिन आज हम महाभारत के ‘भीम’ की एक्टिंग नहीं बल्कि उन उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है।

BSF के जवान रह चुके थे ‘भीम’

6 दिसंबर 1947 को पूर्वी पंजाब के एक कस्बे में जन्में प्रवीण कुमार सोबती ने अपनी स्कूली शिक्षा अमृतसर के खालसा कॉलेज से पूरी की। बहुत कम लोगों को पता होगा कि महज 20 साल की उम्र में वो सीमा सुरक्षा बल (BSF) में शामिल हो गए थे। यहां रहकर उन्होंने देश के प्रति सुरक्षा में अपना योगदान दिया। बता दें कि BSF को इंडियन आर्मी में सबसे कठिन बल माना जाता है। इसका हिस्सा रहते हुए उन्हें खेलों में भाग लेने का मौका मिला।

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ओलंपिक में कायम किया रिकॉर्ड

बता दें कि एक्टर प्रवीण कुमार सोबती ने BSF का हिस्सा रहते हुए प्रतिष्ठित खेलों प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। इसके बाद 1960 का दशक था जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान बतौर खिलाड़ी वो खेल में हिस्सा लिया करते थे। यह भी कम ही लोगों को पता होगा कि महाभारत के भीम ने एशियाई खेलों में दो गोल्ड मेडल हासिल किए। इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता और ओलंपिक में रिकॉर्ड कायम किया। 1966 में उन्होंने एशियाई खेलों में डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल और हैमर थ्रो में कांस्य मेडल जीता।

अर्जुन अवॉर्ड से किया गया था सम्मानित

इसके अलावा 1970 में प्रवीण कुमार सोबती ने एक बार फिर भारत का सिर गर्व से ऊंचा कराया जब एशियाई खेलों में उन्हें दोबारा गोल्ड मेडल मिला। हालांकि 1974 में प्रवीण को एशियाई खेलों में महज कम ही अंक से हार का सामना करना पड़ा। उन्हें गोल्ड की बजाए रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों के बाद दो ओलंपिक में भी इंडिया की ओर से हिस्सा लिया। प्रवीण कुमार सोबती को उनकी इन उपलब्धियों के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आज इंडियन एथलीट के इतिहास में उनकी गिनती सबसे महान एथलीटों में होती है। 7 फरवरी 2022 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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Written By

Jyoti Singh

First published on: Aug 10, 2024 01:29 PM

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