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Kishore Kumar के पूरे परिवार की दुर्लभ तस्वीर, पुण्यतिथि पर जानें अनसुनी बातें, जहां जन्मे, वहीं दफनाए गए

Kishore Kumar Unseen Photo: हम आपको किशोर कुमार के पूरे परिवार की एक ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहे हैं, जो शायद ही किसी ने आज तक देखी हो।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Oct 13, 2023 19:31
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Kishore Kumar Family
Kishore Kumar Family

(इमरान खान, मध्य प्रदेश)

Vetern Actor Kishore Kumar Unseen Photo: आज बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर और सिंगर किशोर कुमार की डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर हम आपको किशोर कुमार के पूरे परिवार की एक ऐसी तस्वीर दिखाने जा रहे हैं, जो शायद ही किसी ने आज तक देखी हो। बॉलीवुड का वह सितारा है, जो आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन हमारे दिलों में आज भी जिंदा है। 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के छोटे से शहर खंडवा में एक बंगाली परिवार में किशोर कुमार का जन्म हुआ। उनके बचपन का नाम तो आभास कुमार गांगुली रखा गया था, लेकिन इस बात का किसी को आभास नहीं था कि एक दिन यही आभास अपनी गायकी और अदाकारी के बल पर बॉलीवुड पर राज करेगा।

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एक्टर की समाधि पर हर साल जुटते हजारों प्रशंसक

आज स्वर्गीय किशोर कुमार की पुण्यतिथि पर हर साल मध्य प्रदेश के खंडवा में उनकी समाधि पर उनके हजारों प्रशसंक माथा टेकने पहुंचते हैं। किशोर कुमार की अंतिम इच्छा के मुताबिक, उनका पार्थिव शरीर मुम्बई से खंडवा लाया गया। खंडवा की जन्म भूमि पर ही उनका अंतिम संस्कार किया गया, यानी किशोर कुमार जहां जन्मे, वहीं पर दफनाए गए। उनके चाहने वालों ने उसी जगह उनकी समाधि बना दी, जो आज तक पूजी जा रही है। बाद में सरकार ने यहां एक भव्य स्मारक बनवा दिया, जो दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित हो गया है। किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को खंडवा में हुआ था। 13 अक्टूबर 1987 को उनकी मौत हुई।

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पढ़ाई में कमजोर, टीचरों की नकल उतारने में माहिर

किशोर कुमार के पिता शहर के बड़े प्रतिष्ठित वकील थे। अशोक कुमार और अनूप कुमार के बाद किशोर सबसे छोटे थे। किशोर की स्कूली शिक्षा खंडवा में ही पूरी हुई। उसके बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर भेज दिया गया। उनके स्कूल के दोस्त बताते थे कि वह शुरू से ही बड़े चुलबुले थे। स्कूल में डेस्क बजाना और उस पर खड़े होकर नाचना उनका शौक रहा। पढाई में कमजोर किशोर कुमार टीचरों की नक़ल उतरने में भी माहिर थे। उनके दोस्त तो अब नहीं रहे, लेकिन आज की युवा पीढ़ी में भी उनके प्रशसंकों की कमी नहीं है। आज किशोर कुमार की पुण्यतिथि पर किशोर प्रेमी उन्हें गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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हास्य कलाकार बनने मुंबई गए, किशोर बन गए गायक

किशोर कुमार का पुश्तैनी मकान आज जर्जर हालत में है। घर के अंदर रखा सामान आज भी उनकी प्रतीक्षा कर रहा है। उनके प्रशसंक आज भी इस मकान में किशोर कुमार को तलाशते हैं। पिछले 40 साल से यह मकान एक चौकीदार के जिम्मे है। किशोर कुमार ने 16 हजार फ़िल्मी गाने गाए और 8 बार फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला। वह मुम्बई गए थे हास्य कलाकार बनाने, लेकिन बन गए गायक। जिद्दी फ़िल्म से उन्होंने गाना गाने का सफ़र शुरू किया था। किशोर दा को खंडवा से बड़ा लगाव था। वह जब भी खंडवा आते थे, अपने दोस्तों के साथ शहर की गलियों चौपालों पर गप्पे लड़ाना नहीं भूलते थे। उन्हें जलेबी खाने का बड़ा शौक था। वह अक्सर अपने मुंबई वाले दोस्तों से कहते थे, दूध जलेबी खाएंगे, खंडवा में ही बस जाएंगे।

HISTORY

Written By

Khushbu Goyal

First published on: Oct 13, 2023 07:25 PM

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