बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। यह फिल्म होली के मौके पर 14 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। हालांकि फिल्म की रिलीज से पहले ही सेंसर बोर्ड ने जॉन अब्राहम की फिल्म के सीन्स पर कैंची चला दी है। साथ ही फिल्म में एक खास डिस्कलेमर ऐड करने को कहा है। बता दें कि ‘द डिप्लोमैट’ एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसका ट्रेलर कुछ दिन पहले ही रिलीज किया गया था।
फिल्म में ऐड होगा खास डिस्कलेमर
मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ को सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूरी दे दी गई है। हालांकि सीबीएफसी की तरफ से फिल्म में एक खास डिस्कलेमर ऐड करने का आदेश दिया गया है। इस डिस्कलेमर में ‘पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का सपोर्ट करने वाली एक लाइन ऐड की जाएगी।’ रिपोर्ट में यह भी बताया है कि सेंसर बोर्ड की तरफ से यह बदलाव करने का मकसद सिर्फ यह सुनिश्चित करना था कि ‘द डिप्लोमैट’ से पाकिस्तान के साथ इंडिया के राजनयिक संबंधों पर कोई गलत असर नहीं पड़े।
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एक सीन पर चली सेंसर की कैंची
फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ से जुड़े एक सूत्र ने बताया है कि सीबीएफसी की तरफ से फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ में किरदारों के असली नाम का इस्तेमाल करने की परमिशन दे दी गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ में एक सीन पर भी कैंची चलाकर उसे छोटा किया गया है। इस सीन में एक युवा लड़का महिला की हत्या कर देता है। इसके अलावा फिल्म में यूज किए गए एक अपशब्द को म्यूट किया गया है।
क्या है फिल्म की कहानी?
जॉन अब्राहम की फिल्म ‘द डिप्लोमैट’ साल 2017 की सच्ची घटना से इंस्पायर्ड है, जिसमें एक महिला को पाकिस्तान से इंडिया वापस लाया जाता है। फिल्म में जॉन अब्राहम भारतीय उच्चायोग के राजनयिक जेपी सिंह के किरदार में हैं। दरअसल, 2017 में एक महिला उजमा अहमद मलेशिया में पाकिस्तानी युवक ताहिर अली से प्यार कर बैठती है। ताहिर उसे पाकिस्तान बुलाता है तब उजमा को पता चलता है कि ताहिर अली पहले से शादीशुदा है और उसके चार बच्चे हैं। इसके बाद वह उजमा को प्रताड़ित करता है।