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Jaane Jaan Review: करीना कपूर ने निकाली ‘जान’, जयदीप अहलावत की अदाकारी पर टिकी ‘जाने जां’

Jaane Jaan Review: करीना कपूर का ओटीटी डेब्यू…. नेटफ्लिक्स की जाने जां को इससे ज़्यादा लोग जान नहीं पाए हैं। करीना के 43वें बर्थडे पर ओटीटी की इस सौगात में यूं तो इंटरनेशनल बेस्ट सेलर बुक की स्टोरी है, सुजॉय घोष का डारेक्शन है, जयदीप अहलावत और विजय वर्मा जैसे एक्टर्स का साथ है और […]

Edited By : Ashwani Kumar | Updated: Feb 22, 2024 19:17
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jaane jaan review
image credit: Google

Jaane Jaan Review: करीना कपूर का ओटीटी डेब्यू…. नेटफ्लिक्स की जाने जां को इससे ज़्यादा लोग जान नहीं पाए हैं। करीना के 43वें बर्थडे पर ओटीटी की इस सौगात में यूं तो इंटरनेशनल बेस्ट सेलर बुक की स्टोरी है, सुजॉय घोष का डारेक्शन है, जयदीप अहलावत और विजय वर्मा जैसे एक्टर्स का साथ है और नेटफ्क्लिस, जैसा प्लेटफॉर्म है। यानि सामग्री पूरी है, लेकिन रेसिपी कैसी बनी है… ये इस बात पर निर्भर करता है कि इसमें रोमांस, बदला, धोखा, मर्डर, मिस्ट्री सब सही मायने पर, सही वक्त तक पकाए गए हों।

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क्या है ‘जाने जां’ की कहानी

कीगो हिगाशिनो के नॉवेल ‘द डिवोशन ऑफ सस्पेक्ट X’ पर बनी इस 5वीं फिल्म में कैलिम्पॉन्ग है, करीना हैं। जिसकी असल कहानी में एक गुमशुदा पुलिस ऑफिसर की तलाश करते-करते, एक इन्वेस्टीगेटिंग ऑफिसर…. वहां पहुंच जाता है, जहां पुलिस ऑफिसर की बीवी और बच्ची रहते हैं। एक मैथ्स का टीचर उनका पड़ोसी है, जो गुमशुदा पुलिस ऑफिसर की बीवी को मन ही मन चाहता है। पुलिस ऑफिसर का मर्डर हो चुका है, किसने किया है, यह पढ़ने वाले, या देखने वाले को पता है…. इन्वेस्टीगेटिंग ऑफिसर को इसका पता लगाना है, और ऑडियंस को यह जानना है कि इस मर्डर को किया कैसे गया? यानि यह कहानी ‘हू डन इट?’ के चौराहे से निकलकर ‘हाउ डन इट?’के मोड़ तक जाती है।

कमजोर संगीत

इसी बीच में सुजॉय घोष के हाथों से कई बार कहानी फिसलती भी है। जैसे इन्वेस्टीगेंटिग ऑफिसर करण आनंद, जिसका किरदार विजय वर्मा निभा रहे हैं, उन्हे जरूरत से जरा ज्यादा जल्दी ही माया डिसूजा पर शक हो जाता है, सुबूत भी ऐसे मिलने लगे…. कि आपको भी लगे कि ये क्या प्लॉनिंग है? हांलाकि क्लाइमेक्स में फिल्म के को-राइटर और डायरेक्टर सुजॉय घोष आपको समझाते हैं कि इसके पीछे उनका मोटिव क्या था, मगर इसकी वजह से शुरुआत ज्यादा ढीली होती है।‘जाने जां’ का म्यूजिक यानि कि गाने इसके हक में नहीं जाते… लता मंगेशकर का आइकॉनिक गाना ‘आ जाने जां’, फिल्म के हिसाब से सिचुएशनल तो है, लेकिन नेहा कक्कड़ की आवाज में इससे मैजिक मिसिंग है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, इसकी जान है। अविक मुखोपाध्याय का कैमरा – कैलिम्पॉन्ग को बहुत खूबसूरती से कैप्चर करता है। डॉर्क लाइट्स और लकड़ी के बने घर, इसे ऑथेंटिक बनाते हैं।

जयदीप अहलावत की दमदार अदाकारी

वैसे तो ‘जाने जां’, इसकी सेंटर कैरेक्टर माया डिसूजा यानि करीना कपूर के फेवर में जाना चाहिए था, लेकिन इस फिल्म को देखने के बाद आप मैथ्स टीचर– नरेन, यानि कि जयदीप अहलावत के दीवाने हो जाएंगे। जयदीप के एक्सप्रेशन्स, उनकी बॉडी लैग्वेंज, मैंथ्स के लिए उनकी आंखों में दिखने वाली दीवानगी और माया के सामने घिग्गी का बंध जाना, फिर जूडो की क्लास में उनकी बॉडी मूवमेंट… सब कुछ परफेक्ट। जाने जां, जयदीप अहलावत के लिए शो-रील जैसी है। करीना ने भी बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन शतरंज की बिसात में, उनका किरदार कमजोर पड़ता है। उनके कैरेक्टर को जितने वैरिएशन मिलने चाहिए थे, उसमें से ज्यादातर सुजॉय के स्क्रीनप्ले से गायब हैं। करण के कैरेक्टर में विजय वर्मा का भी अच्छा ही रोल है। अजीत म्हात्रे बने सौरभ सचदेवा, जो चार सीन्स में ही मर जाते हैं, और जिनके इर्द-गिर्द पूरी फिल्म घूमती है, वो जबरदस्त कलाकार हैं।

जाने जां को 2.5 स्टार

(Adipex)

First published on: Sep 21, 2023 04:33 PM

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