फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज यानी FWICE ने भारतीय फिल्ममेकर से अपील की है कि वे तुर्की को शूटिंग लोकेशन के रूप में चुनने से पहले दोबारा विचार करें। इसकी वजह तुर्की द्वारा लगातार पाकिस्तान का समर्थन करना है, विशेष रूप से उन मामलों में जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों से जुड़े हैं।
FWICE ने की फिल्म जगत से एकजुटता की अपील
FWICE फिल्म इंडस्ट्री के 36 अलग-अलग वर्गों जैसे वर्कर्स, टेक्नीशियनों और कलाकारों का प्रतिनिधित्व करता है। FWICE ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा,“हम सभी फिल्म प्रोडक्शन हाउस, डायरेक्टर्स, एक्टर्स और क्रू मेंबर्स से अपील करते हैं कि वे देश के साथ एकजुटता दिखाएं और तुर्की में तब तक शूटिंग न करें जब तक वह अपनी नीति में बदलाव न करे।”
“राष्ट्र सबसे पहले” सिद्धांत पर कायम FWICE
FWICE ने कहा कि जब तुर्की ने भारत पर हुए आतंकी हमलों के संदर्भ में पाकिस्तान का समर्थन किया, तो उन्होंने फिर से अपने सिद्धांत “राष्ट्र सबसे पहले” को दोहराया। उनका मानना है कि किसी भी ऐसे देश में निवेश करना, जो भारत के खिलाफ खड़ा हो, गलत है। FWICE ने बताया कि तुर्की ने न केवल कूटनीतिक तौर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत के हितों के खिलाफ स्टैंड लिया है, जो भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए चिंता का विषय है। संगठन ने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री भारतीय संस्कृति और मूल्यों में गहराई से जुड़ी हुई है, इसलिए ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए जो देश की गरिमा या सुरक्षा को ठेस पहुंचाए।
इसी बीच FWICE के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने पाकिस्तान के कलाकारों को भारत में काम करने से पूरी तरह बैन करने की मांग की है। यह बयान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए एक बड़े आतंकी हमले के बाद आया है। इस हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है।