निधि पाल, नई दिल्ली
What Is The Dunki Route: शाहरुख खान सिर्फ नाम नहीं बल्कि उनके चाहने वालों के लिए जज्बात हैं। अगर हम कहें कि शाहरुख की फिल्मों में रोमांस देखने के बाद लोगों ने मोहब्बत करना सीखा है तो यह गलत नहीं होगा। वह जब पर्दे पर हंसे तो लोगों ने ठहाके लगाए, जब रोए तो फैंस के भी आंसू बहे, जब-जब शाहरुख ने अपने सिग्नेचर स्टाइल में बाहें फैलाई हैं तो फीमेल फैंस की बांछें खिल उठीं। अब आप समझ ही गए होंगे कि आखिर शाहरुख को लेकर उनके फैंस में किस कदर क्रेज है। बीते दिन किंग खान की फिल्म डंकी रिलीज हुई है। इस फिल्म को लेकर फैंस में बंपर क्रेज देखने को मिल रहा है। फिल्म फैंस को बहुत पसंद आ रही है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ये डंकी रूट क्या है और यह किस तरह से काम करता है।
हार्डी की टोली ऐसे पहुंचती है इंग्लैंड
डंकी की कहानी उन प्रवासियों पर आधारित है जो अपना घर छोड़कर अवैध तरीके से खतरनाक और जानलेवा रास्तों के सहारे विदेश जाते हैं। अमेरिका, कनाडा या यूके जाने वाले लोगों को ट्रेवेल एजेंट अवैध तरीके से विदेश भेजते हैं। जब तरीका अवैध है तो जाहिर सी बात है कि रास्ता जानलेवा ही होगा। जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है कि शाहरुख खान और उनके दोस्तों की टोली अवैध तरीके से इंग्लैंड जाने की प्लानिंग करते हैं तो सबसे पहले वह नाव के सहारे पाकिस्तान तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, लेकिन रास्ते में चेक पोस्ट होने के कारण उनको रातभर पानी के अंदर होकर दुश्मनों की गोलियों से बचते हुए वहां पहुंचना होता है और फिर तुर्किए (पहले तुर्की) से पहले बदमाशों का सामना करना पड़ता है।
हर साल इतने लोग मारते हैं डंकी
दरअसल जो भी फिल्म में दिखाया गया है वह सच में होता है। डंकी रूट बहुत ही खतरनाक है, लेकिन फिल्म के अनुसार फिर भी हर साल करीब 10 लाख लोग डंकी रूट के जरिए विदेश जाते हैं। भारत के सबसे लोकप्रिय डंकी रूट का पहला पड़ाव लैटिन अमिरेकी देश तक पहुंचना होता है। इसके बाद इक्वाडोर, बोलीविया और गुयाना जैसे देशों तक पहुंचने के बाद वीजा ऑन अराइवल उपलब्ध हो जाता है। इन प्रवासियों का रास्ता उन लोगों पर भी निर्भर होता है कि उनके एजेंट के लिंक कैसे हैं। क्योंकि जितने अच्छे लिंक और ठीक-ठाक पैसा दे दो तो रास्ता उतना आसान हो जाता है। लेकिन लैटिन अमेरिकी देशों तक पहुंचने में महीनों लग जाते हैं। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा से लिए गए आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच भारत से लगभग 42,000 प्रवासियों ने अवैध रूप से दक्षिण की सीमा पार की है। नवंबर 2022 से लगभग 97,000 भारतीयों ने अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश की, जिनको वहां के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया।
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इन चुनौतियों से भरा है डंकी रूट
ये ट्रेवेल एजेंट लोगों से 40-50 लाख रुपये लेकर अमेरिका, कनाडा और यूके जैसे देशों में एंट्री दिलाने का वादा करते हैं। ऐसे में कभी समुद्र के रास्ते तो कभी कंटेनर में बैठकर या फिर बॉर्डर के रास्ते कार की डिक्की में बैठकर जाना पड़ता है, जो कि बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है। लैटिन अमेरिकी देश में पहुंचने के बाद एजेंट उनको कोलंबिया ले जाया जाता है। कोलंबिया से ये प्रवासी पनामा में एंट्री करते हैं, लेकिन रास्ते में पड़ता है डेरियन गैप (खतरनाक जंगल)। इस जंगल में साफ पानी की कमी, जंगली जानवर और क्रिमिनल गैंग जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ता है। जंगल में इन प्रवासियों के साथ बलात्कार भी होता है और हत्या भी कर दी जाती है। ये अपराध कहीं भी दर्ज नहीं होते हैं। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसे पार करने में आठ से 10 दिनों का समय लग जाता है। नहीं तो अगर कोई रास्ते में मर भी जाए तो उसकी बॉडी को घर तक ले जाने वाला भी कोई नहीं होता है।
कितना खर्च आता है?
एक औसत डंकी रूट का खर्च 15 लाख से 40 लाख रुपये तक के बीच आता है, लेकिन कई बार यह खर्च 70 लाख रुपये तक भी पहुंच जाता है। कुछ एजेंट्स का वादा होता है कि वह ज्यादा पैसे के बदले में कम रिस्की यात्रा करवाएंगे, क्योंकि भारत में बैठे इन एजेंट्स का संपर्क अमेरिका के एजेंट्स तक होता है। लेकिन अगर किसी कारण से भारतीय एजेंट उनको पैसे नहीं दे पाते हैं तो ऐसे में इन प्रवासियों को जान से भी हाथ धोना पड़ सकता है।