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Deva नहीं चूहे-बिल्ली का खेल, इस चक्रव्यूह की कहानी के लिए पढ़ें फिल्म का रिव्यू

Deva Movie Review: फिल्म 'देवा' सिनेमाघरों में आ चुकी है और इस देवा का एक्शन देखने के लिए अगर आप भी बेकरार हैं, तो भई देर किस बात की? यहां इस फिल्म का रिव्यू है, फिल्म देखने से पहले आप इसके रिव्यू के बारे में पढ़ सकते हैं।

Reported By : Ashwani Kumar | Edited By : Nancy Tomar | Updated: Jan 31, 2025 17:13
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Deva
Deva
Movie name:Deva
Director:Rosshan Andrrews
Movie Casts:Shahid Kapoor, Pooja Hegde, Kubbra Sait, Pavail Gulati, Pravessh Rana

Deva Movie Review: बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर की फिल्म ‘देवा’ का फैंस को बेसब्री से इंतजार था। वहीं, अब शाहिद की ये फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। अगर आप भी फिल्म देखने से पहले इसका रिव्यू करना चाहते हैं, तो आइए आपको बताते हैं कि ये फिल्म कैसी है?

अंडरवर्ल्ड और मुंबई पुलिस की स्टोरी

फिल्म ‘देवा’ का ट्रेलर देखकर आपको ये जरूर लगा होगा कि ये कुछ हटके होगी। अब इसमें शाहिद कपूर का एंग्री वर्जन, जबरदस्त एक्शन है तो जाहिर है कि इसके लिए लोगों में एक्साइटमेंट थी। शाहिद ने ‘देवा’ के प्रमोशंस में इतनी सीक्रेसी बरती थी और डायरेक्टर रोशन एंड्रूज ने इसके क्लाइमेक्स के तीन-तीन वर्जन शूट करके, उसे ऐसा गार्ड कर दिया था कि लगने लगा था कि अंडरवर्ल्ड और मुंबई पुलिस की स्टोरी में कुछ तो ऐसा है, जो जबरदस्त होने वाला है, लेकिन ‘देवा’ को देखने के बाद आप इसके ट्विस्ट-टर्न और क्लाइमेक्स तक पहुंचते-पहुंचते खुद इस पहेली में ‘देवा’ के साथ सुलझाने लगते हैं।

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मुंबई पुलिस का रीमेक? 

2 घंटे 26 मिनट की ‘देवा’ के बारे में ये भी कहा जा रहा था कि ये डारेक्टर रोशन एंड्र्यूज की फिल्म मुंबई पुलिस का रीमेक है लेकिन जब हमने ये फिल्म देख ली है तो यकीन जानिए कि मुंबई पुलिस से बिल्कुल अलग और ज्यादा दिलचस्प और झटके देती है। ‘देवा’ का पहला फ्रेम ही शुरू होता है, जहां डीसीपी फरहान की शादी हो रही है और इंस्पेक्टर ‘देवा’ वहां झूम कर नाच रहा है।

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कई जवान जख्मी और शहीद

पता चलता है कि ‘देवा’ लड़की और लड़के दोनों ओर से है या फरहान का दोस्त है, जिसकी देवा की बहन से शादी हो रही है। खतरनाक क्रिमिनल प्रभात जाधव जो जेल से भागा है उसे पकड़ने के चक्कर में मुंबई पुलिस के कई जवान जख्मी होते हैं और शहीद होते हैं। प्रभात जाधव को मुंबई पुलिस जब-जब पकड़ने की कोशिश करती है, वो उनके हाथों से बच निकलता है। ऐसे में मुंबई पुलिस कॉन्स्टेबल की बेटी और एक इन्वेस्टिव जर्नलिस्ट- दिया साठे, देव आंब्रे उर्फ देवा को अहसास दिलाती है कि उसकी टीम में ही कोई घर का भेदी है।

देवा का टास्क?

देवा, किसी भी हाल में प्रभात जाधव से पुलिस साथियों की मौत का बदला लेना चाहता है और उसका एनकाउंटर करता भी है, लेकिन इसका क्रेडिट वो अपने दोस्त एसीपी रोहन डिसिल्वा को दे देता है। प्रकाश जाघव को मारने के क्रेडिट के चलते रोहन को जिस दिन पुलिस सम्मान मिलना है उसे पुलिस फंक्शन के दौरान ही कोई शूट कर देता है। अब देवा को उस शूटर को खोजना है और सजा देनी है।

देवा की असल कहानी है उल्टी

इतनी कहानी में आपको जो सीधा-सीधा नजर आ रहा है। देवा की असल कहानी उससे ठीक उल्टी है और वो क्या है? उसे बता दिया… तो सारा मजा किरकिरा हो जाएगा। बॉबी संजय की कहानी में अब्बास और हुसैन दलाल के साथ सुमित अरोड़ा और अरशद सईद ने स्क्रीन प्ले ऐसे लिखा है कि देवा महज चूहे-बिल्ली का खेल नहीं बल्कि एक चक्रव्यूह बन जाता है। रौशन अब्बास ने इस कहानी के पेस को पहले सीन से लेकर क्लाइमेक्स तक ऐसे खींच कर रखा है जैसे बुलेट ट्रेन छूटी, तो आखिरी तक जाकर रुकेगी, लेकिन बीच में वो झटका लगा है कि वो आपको किसी रोलर-कोस्टर राईड पर लेकर जाता है।

शाहिद का कैरेक्टर?

अमित रॉय की सिनेमैटोग्राफी आपको ऐसी मुंबई दिखाती है, जो ट्रेडिशनल हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की मुंबई से ठीक उल्टी है, लेकिन बिल्कुल रीयल है। जेफ बेजॉय का बैकग्रांउड स्कोर, फिल्म के इंटेंस फील को बनाए रखता है। विशाल मिश्रा का भसड़ ट्रैक, शुरुआत से ही फिल्म के मूड को और शाहिद के कैरेक्टर को सेट करता है। बॉस्को लेस्ली बॉस्को मार्टिस की कोरियोग्राफी इन्फेक्शियस है।

देवा, वन मैन शो

इंस्पेक्टर देव अम्ब्रे बने शाहिद के इस लेयर्ड कैरेक्टर को देखकर आप उनके मुरीद बन जाने वाले हैं। इस कैरेक्टर के एंगर में आप कबीर सिंह की झलक भले ही ढूंढ़ते रहे हो, लेकिन सिंघम, सूर्यवंशी से अलग देव अम्ब्रे का स्वैग और उसके कैरेक्टर का ग्राफ शाहिद ने इतने शानदार तरीके से पेश किया है कि आपको देवा, वन मैन शो लगेगा। स्पेशल कॉरेस्पॉन्डेंट दिया के कैरेक्टर में कम से कम पूजा हेगड़े की हिंदी फिल्मोग्राफी का ये सबसे बेहतरीन काम है। भले ही उनका कैरेक्टर छोटा है, लेकिन अपना असर छोड़ जाता है।

पवैल गुलाटी का किरदार

डीसीपी फरहान के करैक्टर में प्रवेश राणा को देखकर आपको लगता है कि इतने कमाल की स्क्रीन प्रेजेंस और एक्टिंग के बाद उनके लिए अलग-अलग रोल्स की बाढ़ आ जाएगी। एसीपी रोहन डिसिल्वा के कैरेक्टर में पवैल गुलाटी का किरदार आपके दिल को छुएगा। कुब्रा सैत ने अपने छोटे से रोल में गहरा असर छोड़ा है। हांलाकि, मनीष वाधवा के कैरेक्टर को थोड़ा और एक्सप्लोर किया जाना चाहिए था।

देवा को 3.5 स्टार

देवा एक शानदार एक्शन-थ्रिलर है, जो आपको मुंबई पुलिस की उस दुनिया में लेकर जाता है, जो ज्यादा रियलिस्टिक है। अगर आप एक्शन-सस्पेंस-थ्रिलर के शौकीन हैं, तो देवा एक मस्ट वॉच ऑप्शन है। देवा को 3.5 स्टार।

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Nancy Tomar

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Ashwani Kumar

First published on: Jan 31, 2025 04:31 PM

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