कॉमेडियन कुणाल कामरा की राजनीतिक टिप्पणी ने सियासत में उबाल ला दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे बोल बोलने के बाद से उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। बीते दिन शिवसैनिकों ने मुंबई के उस हैबिटेट होटल में तोड़फोड़ की जहां कॉमेडियन का ये शो हुआ था। फिलहाल कुणाल कामरा के विवादित बयान और शिवसेना की युवा शाखा के खिलाफ तोड़फोड़ के लिए मामला दर्ज हो चुका है। अब कॉमेडियन ने हैबिटेट होटल में हुई तोड़फोड़ की निंदा की है।
क्या बोले कुणाल कामरा?
कुणाल कामरा ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘एंटरटेनमेंट वेन्यू सिर्फ एक प्लेटफार्म है। सभी तरह के शो के लिए एक जगह है। मेरी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है। न ही मैं क्या कहता हूं या क्या करता हूं, इस पर उसका कोई अधिकार या नियंत्रण है। न किसी राजनीतिक दल का। कॉमेडियन के शब्दों के लिए किसी वेन्यू पर तोड़फोड़ करना उतना ही मूर्खतापूर्ण है, जितना टमाटर ले रहे ट्रक को पलटना क्योंकि आपको परोसा गया बटर चिकन पसंद नहीं आया।’
सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के विरुद्ध नहीं
‘राजनीतिक लीडर्स मुझे सबक सिखाने की धमकी दे रहे’ को संबोधित करते हुए कॉमेडियन ने आगे लिखा, ‘भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे अधिकार का इस्तेमाल सिर्फ पावरफुल और रईस लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं है। भले आज का मीडिया हमें इसके उलट विश्वास दिलाए। एक पावरफुल सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक को बर्दाश्त नहीं कर पाने की अक्षमता मेरे अधिकार की प्रकृति को बदल नहीं सकती है। जितना मैं जानता हूं हमारे नेताओं और राजनीतिक प्रणाली के सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के विरुद्ध नहीं है।’
मजाक से आहत होने पर तोड़फोड़ करना सही?
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं अपने खिलाफ की गई किसी भी वैधानिक कार्रवाई के लिए पुलिस या कोर्ट का सपोर्ट करने के लिए तैयार हूं लेकिन क्या कानून उनके खिलाफ निष्पक्ष और समान रूप से लागू होगा जिन्होंने तय किया है कि मजाक से आहत होने पर तोड़फोड़ करना सही है क्या? और बीएमसी के उन अनिर्वाचित सदस्यों के खिलाफ, जो आज बिना किसी पूर्व जानकारी के हैबिटेट पहुंचे और उसे तहस-नहस किया?’
कॉमेडियन ने आगे कहा कि ‘शायद अपने अगले शो के लिए मैं एल्फिन्स्टन ब्रिज या मुंबई में किसी दूसरे वेन्यू को सिलेक्ट करूंगा जिसे जल्द ही ध्वस्त करने की जरूरत है।’ गौरतलब है कि कुणाल कामरा ने अपने शो के दौरान एकनाथ शिंदे और प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए ‘मेरी नजर से तुम देखो तो गद्दार नजर वो आए’ लाइन का यूज किया था।