The Railway Man: भोपाल गैस कांड पर आधारित वेब सीरीज ‘द रेलवे मैन: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ भोपाल 1984′ (The Railway Man) को देखने का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह सीरीज आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली है। इस सीरीज को यशराज फिल्म्स ने बनाया है। इस सीरीज के जरिए यशराज का ओटीटी पर डेब्यू हुआ है। हालांकि इसकी रिलीज से पहले दो याचिककर्ताओं द्वारा इसपर रोक लगाने की मांग की थी। अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस सीरीज पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है।
किसपर आधारित है सीरीज
‘द रेलवे मेन’ 2 दिसंबर 1984 की देर रात भोपाल में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के स्वामित्व वाली फैक्ट्री से घातक मिथाइल आइसोसाइनेट गैस रिसाव पर आधरित है। न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की वेकेशन पीठ ने यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के दो पूर्व कर्मचारियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जो उन्होंने 15 नवंबर को दायर की थीं। याचिका में दावा किया गया था कि इस वेब सीरीज में भोपाल गैस त्रासदी और उसकी घटनाओं के कारण का चित्रण पूर्वाग्रह के आधार पर हो सकता है।
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कोर्ट ने बरकरार रखा आदेश
याचिकाकर्ताओं में से एक प्रोडक्शन मैनेजर के रूप में एमआईसी प्लांट के प्रभारी रहा, तो वहीं दूसरे यूसीआईएल के पेस्टीसाइड्स फैक्टरी में प्रभारी था। पीठ ने मुंबई सिविल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है, जिसने पहले वेब सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। अदालत ने 15 नवंबर को अपने आदेश में कहा, ‘उक्त वेब सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने की मांग का पूरा आधार अपीलकर्ताओं की कानूनी कार्यवाही पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।’
कोर्ट ने गिनाए तीन कारण
कोर्ट का कहना है, ‘यह प्रथम दृष्टया तीन कारणों से अस्थिर है, (ए) अपीलकर्ता पहले से ही भोपाल गैस त्रासदी के संबंध में दोषी ठहराया गया है (बी) मुकदमा वर्ष 2010 में समाप्त हो गया है, मुकदमे की सामग्री और निर्णय उपलब्ध थे सार्वजनिक डोमेन और (सी) वाईआरएफ के वकील ने एक अस्वीकरण तैयार किया है जो प्रत्येक एपिसोड के प्रसारण से पहले होगा जिसमें विशेष रूप से चेतावनी दी गई है कि ‘यह श्रृंखला काल्पनिक है, जो वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है।’इसे देखते हुए, मुझे लगता है कि अपीलकर्ता, मेरे विचार से, इस स्तर पर, उक्त वेब सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने के लिए आवश्यक बहुत उच्च सीमा परीक्षण से संतुष्ट नहीं हैं।’