गोपालगंज: बॉक्स ऑफिस पर सन्नी देओल की गदर 2 को टक्कर दे रही फिल्म ओह माय गॉड 2 के एक्टर पंकज त्रिपाठी पर सोमवार को उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब उनके पिता का निधन हो गया। पंकज अपने आप को अपने पिता पंडित बनारस तिवारी के बेहद करीब मानते थे। हालांकि उन्होंने (पंकज ने) अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध जाकर एक्टिंग का प्रोफेशन चुना है और अब आए दिन नई बुलंदियां छू रहे हैं। News 24 हिंदी बता रहा है कि अगर एक्टर नहीं तो फिर बेटे को क्या बनाना चाहते थे पंडित बनारस तिवारी। आइए जानें…
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बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित बेलसंड गांव से ताल्लुक रखते हैं आए दिन बुलंदियां छू रहे बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी
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2018 में कही बताई थी इलाके के प्रचलन और पिता की पसंद की बात, कहा-डॉक्टर और इंजीनियर दो ही प्रोफेशन जानते हैं हमारे यहां
बता दें कि अभिनेता पंकज त्रिपाठी बिहार के गोपालगंज जिले से ताल्लुक रखते हैं। अपने एक्टिंग के प्रोफेशन के चलते पंकज मुंबई में रह रहे हैं, जबकि परिवार के बड़े अभी भी गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के बेलसंड गांव में ही रहते हैं। वहीं पर आज पंकज के 98 वर्षीय पिता ने आखिरी सांस ली।
अक्सर अपने बचपन के दिन याद करते रहते पंकज ने 2018 में एक इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी अपने प्रोफेशन के बारे में खुलकर बात की थी। उन्होंने बताया था कि उनके पिता उन्हें एक्टर नहीं, बल्कि एक डॉक्टर बनाना चाहते थे। पंकज की मानें तो उनके इलाके में लोग या तो डॉक्टर या फिर इंजीनियर बस दो ही व्यवसायों के बारे में सोचते हैं। कुछ वक्त पहले तक तो पंकज के पिता को उनके एक्टिंग के प्रोफेशन के बारे में पता ही नहीं था, लेकिन बाद में जब पता चला तो उन्होंने पूरा सपोर्ट किया। हालांकि वह कभी मुंबई नहीं आए।
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इस बारे में एक इंटरव्यू में पंकज ने बताया था कि उनके पिता को यहां (मुंबई की) की बड़ी-बड़ी गगनचुंबी इमारतें और यहां के लोगों का रहन-सहन पसंद नहीं था। इतना ही नहीं पंकज त्रिपाठी के पिता पंडित बनारस कभी किसी सिनेमा घर में भी नहीं गए। यहां तक कि उनकी खुद की (पंकज की) फिल्में भी उनके पिता तभी देखते थे, जब घर का कोई सदस्य टेलीविजन या कंप्यूटर पर दिखा देता था। अभी थोड़े ही दिन पहले घर में बुजुर्ग माता-पिता के लिए टीवी लगवाने की बात भी पंकज ने मीडिया के साथ शेयर की थी।