Anurag Kashyap On Animal: रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) की ‘एनिमल’ (Animal) इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई करने में लगी है। फिल्म को सिनेमाघरों में 10 दिन हो चुके हैं और फिल्म ने इन दिनों में 400 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली है। हालांकि, फिल्म में महिलाओं को लेकर जो कुछ भी दिखाया गया है उसको लगातार विरोध जताया जा रहा है। इसी बीच फिल्म निर्माता-निर्देशन अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने भी इस विवाद पर अपनी बात रखी है। हाल में उन्होंने एक न्यूज़ पोर्टल के लिए बातचीत के दौरान ‘एनिमल’ पर हो रहे विवाद और विरोध को लेकर बात की।
उन्होंने कहा, ‘एनिमल ने बाकी फिल्मों के मुकाबले नारीवाद के लिए ज्यादा काम किया है’। दरअसल, संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga) के निर्देशन में बनी इस फिल्म में रणबीर और रश्मिका के अलावा अनिल कपूर, बॉबी देओल और तृप्ति डिमरी मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। फिल्म के कुछ ऐसे सीन विचलित करने वाले हैं, जिसमें वो रणबीर महिलाओं के साथ बोल्ड और इंटिमेट सीन देते हैं और उनके साथ बेकार व्यवहार करते हैं।
Animal विवाद पर क्या बोले Anurag Kashyap?
ऐसे ही फिल्म में बॉबी देओल की तीन पत्नियां दिखाई गई है, जिसके साथ उनका व्यवहार अच्छा नहीं है। ऐसे में सोशल मीडिया पर रणबीर के किरदार और उसका महिला-विरोधी होने को लेकर आलोचना जोरों पर है। वहीं, हाल ही में एक न्यूज पोर्टल के साथ बातचीत के दौरान अनुराग कश्यप ने बात करते हुए कहा, ‘आप किसी पर जिम्मेदारी नहीं थोप सकते। लोग खुद की जिम्मेदारी लेते हैं या नहीं’।
उन्होंने बात करते हुए कहा, ‘कितने लोगों ने जाकर ‘एनिमल’ को देखा, जिनको आप नारीवादी मानते हैं? केवल मुट्ठी भर लोग उन्हें देखते हैं और ट्रोल करते हैं कि क्या यह एक असल नारीवादी फिल्म थी या एक pseudo-feminist फिल्म थी’। उन्होंने कहा, ‘एनिमल’ ने कम से कम इस विषय को मेनस्ट्रीम में लेकर दिखाया और इस पर ज्यादा काम किया’।
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Animal दूसरी फिल्म की तुलना में ज्यादा अच्छा काम कर रही है
अनुराग कश्यप ने आगे बात करते हुए कहा, ‘एनिमल जैसी फिल्म ने इस देश में किसी भी दूसरी नारीवादी फिल्म की तुलना में ज्यादा नारीवादियों को प्रेरित किया है। इस फिल्म ने किसी भी दूसरी फिल्म की तुलना में महिला विरोध को लेकर ज्यादा चर्चा पैदा की है तो यह अच्छा है ना। किसी समाज में लोगों को समझाने के लिए आपको एक प्रोवोकेटर की जरूरत होती है’।
“हम पढ़े-लिखे और विद्वान लोग हैं”
निर्देशक ने आगे कहा, ‘एनिमल और उसके आसपास होने वाली चर्चाओं के चलते ज्यागा लोगों को नारीवाद सिखाया गया और आप एक उकसाने वाले से क्यों डरते हैं? हम पढ़े-लिखे और विद्वान लोग हैं। हम उस इंसान से क्यों डरते हैं जो हमें उकसाता है? मुझे लगता है कि उकसाया जाना अच्छी बात है। एक फिल्म निर्माता के तौर पर मैंने हमेशा लोगों को असहज करने वाली फिल्में बनाने की कोशिश की है। जब मैंने अग्ली बनाई तो मैं चाहता था कि लोग वापस जाएं और उस रात सोएं नहीं’।