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मोहम्मद इरफान बने संस्कृत शिक्षा बोर्ड के टॉपर, पिता खेतिहर मजदूर, महज इतने रुपये मिलती है दिहाड़ी

UP News: यूपी के चंदौली जिले में खेतिहर मजदूर सलाउद्दीन के 17 वर्षीय बेटे मोहम्मद इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड की उत्तर मध्यमा-द्वितीय (कक्षा 12) की परीक्षा में 82.71% अंक हासिल कर टॉप किया है। बोर्ड में अन्य विषयों के साथ संस्कृत भाषा और साहित्य दो अनिवार्य विषय हैं। इरफान को […]

Edited By : Niharika Gupta | Updated: May 6, 2023 19:23
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UP News: यूपी के चंदौली जिले में खेतिहर मजदूर सलाउद्दीन के 17 वर्षीय बेटे मोहम्मद इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद बोर्ड की उत्तर मध्यमा-द्वितीय (कक्षा 12) की परीक्षा में 82.71% अंक हासिल कर टॉप किया है। बोर्ड में अन्य विषयों के साथ संस्कृत भाषा और साहित्य दो अनिवार्य विषय हैं।

इरफान को संस्‍कृत विषय में काफी कम नंबर मिले हैं, लेकिन बावजूद इसके, अन्य विषयों में इरफान के अच्छे नंबर हैं। इसके इरफान ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद द्वारा संचालित उत्तर मध्यमा यानी इंटरमीडिएट की परीक्षा में पूरे प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है।

पिता खेतिहर मजदूर

संस्कृत शिक्षक बनने का सपना देखने वाले इरफान कक्षा 10 और 12 की परीक्षाओं में शीर्ष 20 स्कोर करने वालों में एकमात्र मुस्लिम छात्र हैं। बेटे की सफलती से गदगद पिता ने बताया कि इरफान को संपूर्णानंद संस्कृत सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाया था, क्योंकि यह एकमात्र ऐसा स्कूल है, जिसकी फीस वह दे सकते थे।

इरफान के पिता का कहना है कि कि मैं एक खेतिहर मजदूर हूं, जिसे 300 रुपये की दिहाड़ी मिलती है। इतना ही नहीं, मुझे हर महीने में मुश्किल से कुछ दिन ही काम मिलता है। उन्होंने कहा कि मैं इरफान को किसी निजी स्कूल में नहीं पढ़ा सकता था।  या किसी अन्य स्कूल में भेजने का जोखिम नहीं उठा सकता था। वह मेरा इकलौता बच्चा है। चंदौली जिले की सकलडीहा तहसील के जिंदसपुर गांव के निवासी सलाउद्दीन ने कहा कि संपूर्णानंद संस्कृत स्कूल में सालाना फीस मात्र 400-500 रुपये है।

सलाउद्दीन ने कहा कि इरफान पढ़ाई में हमेशा से अच्छा रहा है। स्कूल में पहले दिन से ही उसने संस्कृत भाषा में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी थी। वह अपनी पढ़ाई में इतना मशगूल हो जाता है कि कभी किसी चीज की शिकायत तक नहीं करता। उन्होंने कहा कि हमारे छोटे से घर में न्यूनतम सुविधाएं हैं। हमारे पास पक्का घर तक नहीं है। हालांकि एक माह पहले ही सरकार ने हमें पक्का घर बनाने के लिए पैसे आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा कि मैं खुद स्नातक हूं और मुझे शिक्षा की एहमियत है। इसीलिए हमने इरफान को कुछ भी करने से कभी नहीं रोका। वह बेहद खूबसूरती से संस्कृत भाषा बोलता और लिखता हैं। यह उसकी मेहनत का ही नतीजा है। पिता ने बताया कि इरफान ने 12वीं कक्षा की परीक्षा में बैठने वाले 13,738 छात्रों में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।

यहां देखें मार्कशीट

अनिवार्य संस्कृत प्रथम में इरफान को 50 में 19 नंबर मिले हैं जबकि अनिवार्य संस्कृत द्वितीय प्रश्न पत्र में इरफान को मात्र 20 अंक मिले हैं। इसके अलावा साहित्य प्रथम में 100 में 93, साहित्य द्वितीय में 100 में 83, हिंदी में 100 में 82, समाजशास्त्र में 100 में 87, भूगोल में 100 में 97 और अंग्रेजी विषय में 100 नंबरों में 70 नंबर प्राप्त हुए हैं। उत्तर मध्यमा के प्रथम वर्ष में इरफान ने कुल 700 अंकों में 607 अंक प्राप्त किए हैं। 11वीं और 12वीं दोनों वर्ष के नंबरों को मिलाकर कुल 1400 अंको में इरफान को 1158 अंक मिले हैं।

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Written By

Niharika Gupta

First published on: May 06, 2023 07:23 PM
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