University Grants Commission (UGC) Intership Plan: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ग्रेजुएट्स को नौकरी के और काबिल बनाने के लिए इंटर्नशिप अनिवार्य करने का फैसला किया है। इंटर्नशिप फिजिकल, डिजिटल और हाइब्रिड मोड पर होगी। इसे चालू शैक्षणिक सत्र से ही लागू किया जा सकता है। यह इंटर्नशिप चौथे सेमेस्टर (दो साल) के बाद न्यूनतम 60 से 120 घंटे की होगी। इंटर्नशिप में स्टूडेंट के कार्य अनुभव और रिसर्च वर्क दोनों को शामिल किया जाएगा। इंटर्नशिप करने से स्टूडेंट को 2 से 4 क्रेडिट भी हासिल होंगे।
इंटर्नशिप क्रेडिट का मतलब
इंटर्नशिप के एक क्रेडिट का मतलब 30 घंटे का काम या फिर रिसर्च करना होगा। ये 15 हफ्ते के एक सेमेस्टर के दौरान दो घंटे प्रति हफ्ता हो सकता है। चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (ऑनर्स विद रिसर्च) के छात्रों का 8वें सेमेस्टर यानी चौथे वर्ष के आखिरी छह महीने इंटर्नशिप में गुजारने होंगे।
इंटर्नशिप के लिए मैकेनिज्म बनेगा
सभी कॉलेज यूनिवर्सिटीज डिजिटल पोर्टल बनाएंगे। पोर्टल पर एक्सपर्ट्स, एजेंसियां, इंडस्ट्री, ऑर्गनाइजेशन, मेंटर और फैकल्टी मेंबर रजिस्टर कर अपने प्रोजेक्ट्स को साझा या शेयर करेंगे। स्टूडेंट्स यहां से मेंटर और प्रोजेक्ट्स का चयन कर सकेंगे। इंटर्नशिप प्रोग्राम के संयोजन (Combination) के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे जो स्थानीय संस्थानों और विभिन्न सेक्टर से संपर्क (कांटेक्ट) कर स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के अवसर देंगे। इसमें ग्रुप इंटर्नशिप का भी एक नियम होगा। छात्रों के पास समर और विंटर ब्रेक में अपनी इंटर्नशिप जारी रखने का ऑप्शन दिया जाएगा।
46% ग्रेजुएट ही नौकरी के काबिल
एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 46% ग्रेजुएट ही नौकरी के काबिल होते हैं। इसी रिपोर्ट के सर्वे में शामिल हुए 88.6% ग्रेजुएट ने कहा कि अनुभव हासिल करने के लिए वे इंटर्नशिप अवसर की तलाश में हैं। अभी कुछ ही प्राइवेट प्लेटफॉर्म ग्रेजुएट्स को इंटर्नशिप कराते हैं। इसलिए यूजीसी का एक बेहतर फैसला साबित हो सकता है, जिसकी मदद से छात्रों को आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेंगी।