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राजस्थान के लाल ने किया कमाल! नेत्रहीन होने के बावजूद क्रैक किया UPSC, हासिल की 91वीं रैंक

UPSC क्रेक कर चुके जयपुर के मनु की कहानी ऐसे लोगों के लिए प्रेरणा का सोर्स बन चुकी है, जो जरा सी परेशानी में हार मान बैठते हैं। मनु गर्ग ने साबित किया कि वह नेत्रहीन होने के बाद भी कभी हार मान कर नहीं बैठे और आज यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में टॉप 100 में जगह बनाई।

Author Edited By : Shivani Jha Updated: Apr 23, 2025 13:34
UPSC Success Story
UPSC Success Story

मनु गर्ग जो राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं और नेत्रहीन होने के बाद UPSC क्रेक कर पूरे राज्य की शान बढ़ाई है। बचपन से ही क्लास टॉपर रहे और 8वीं कक्षा में ही आंखों की रोशनी गंवा दी, लेकिन फिर भी हौसला नहीं हारे। वही वजह है कि आज मनु ने UPSC परीक्षा में 91वीं रैंक में अपना नाम दर्ज कराया है। इस कामयाबी के बाद मनु ने ऐसे लोगों के लिए मिसाल बने हैं, जो लाइफ में जल्दी हार मान लेते हैं।

मनु ने मीडिया के साथ बातचीत में अपनी UPSC क्रेक करने की जर्नी शेयर की। मनु ने बताया कि यूपीएससी की उनकी जर्नी 2 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन तैयारी लगभग 4 साल पहले शुरू कर दी थी। इसके बाद यूपीएससी में उन्होंने दूसरी बार में बाजी मारी। पहले अटेम्प्ट में मेंस क्वालीफाई नहीं कर पाए थे। इसलिए उनका सलेक्शन नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी कोशिश में कोई कमी नहीं छोड़ी और बाजी मार ही लिया।

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मनु को मिला मां का सपोर्ट

मनु ने बताया कि जब वो 8वीं में थे, तब धीरे-धीरे आंखों की रोशनी कम होती गई। देखने में परेशानी आने लगी। एक गंभीर बीमारी के चलते आंखों की पूरी रोशनी गंवा बैठे, लेकिन फैमिली सपोर्ट के कारण कभी हार नहीं मानी और इसे चुनौती के रूप में लिया। उन्होंने स्कूली की पढ़ाई पूरी की, लेकिन उन्हें आज तक भी उन्हें ब्रेल लिपि नहीं आती। वे तकनीक का सहारा लेकर दूसरे आम छात्र की तरह ही पढ़ाई की। उन्होंने टॉकबैक नामक मोबाइल फीचर का इस्तेमाल किया। इससे किसी भी टेक्स्ट फाइल को आसानी से पढ़ने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि जब शुरू में तकनीक के बारे में नहीं पता था तब उनकी मां ने एनसीईआरटी के नोट्स और किताबें पढ़कर सुनाती थी और वह इसे बड़े ध्यान से सुनकर बढ़ा सकते थे।

खास सेक्टर में योगदान

उन्होंने आगे बताया कि बताया कि वह चाहते हैं कि लोग उन्हें ऐसे सिविल सर्वेंट के रूप में देखें, जिसने हर क्षेत्र में अपना नाम कमाया हो। उन्होंने कहा कि वैसे एक सिविल सर्वेंट की जिम्मेदारी हर सेक्टर में योगदान देने की होती है, लेकिन यदि  उन्हें  मौका मिला तो वे अपनी तरफ से कुछ खास सेक्टर में अपना योगदान देना चाहते हैं। साथ ही ये भी बताया कि यदि कोई भी  सिविल सर्विसेज की तैयारी करते हुए किसी तरह की गाइडेंस उनसे चाहता है तो वो उन्हें सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं।

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छात्रों को दिया संदेश

उन्होंने परीक्षाओं में असफल होकर गलत कदम उठाने वाले छात्रों को भी संदेश दिया कि किसी भी टारगेट को जिंदगी ना मानें। यूपीएससी भी जिंदगी नहीं है। ये बस लाइफ का एक हिस्सा है। ये सिर्फ एक लाइफ की प्रक्रिया है, लेकिन अंतिम मोड़ नहीं। अगर आप कोशिश करते रहेंगे तो कभी ना कभी सफलता जरूर मिलेगी।

First published on: Apr 23, 2025 12:56 PM

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