UPSC Success Story: वैसे कामयाबी का कोई सेट फॉर्मूला नहीं है. हर व्यक्ति की अपनी रणनीति हो सकती है. खासकर बात अगर UPSC परीक्षा की तैयारी करने की है तो हर व्यक्ति का अलग अप्रोच देखने को मिलता है. लेकिन एक बात जो आजकल कॉमन हो रही है, वह है सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में AI का इस्तेमाल. ऐसा एक उदाहरण सामने आया है, जिसमें एक गांव के लड़के ने Gemini और ChatGPT जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल करके यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर लिया और AIR 19 के साथ आईएएस अधिकारी बन गया है.
कौन हैं आईएएस विभोर भारद्वाज? (IAS Vibhor Bhardwaj)
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गांव उत्तरावली के मूल निवासी, विभोर भारद्वाज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से भौतिकी में एमएससी की डिग्री हासिल की और बाद में सिविल सेवक बनने के अपने जीवन भर के सपने को साकार करने के लिए यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास करने की तैयारी शुरू कर दी.
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विभोर भारद्वाज ने यूपीएससी परीक्षा के लिए भौतिकी को अपना वैकल्पिक विषय चुना और इस कठिन भर्ती परीक्षा की तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग कक्षाओं और स्व-निर्मित नोट्स का सहारा लिया. उनकी कुशल तैयारी रणनीति ने उन्हें यूपीएससी सीएसई प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी तेज़ी से करने और केवल सात महीनों में यूपीएससी मुख्य परीक्षा के पूरे पाठ्यक्रम को कवर करने में सक्षम बनाया.
एक इंटरव्यू में, विभोर ने बताया कि उन्होंने पिछले UPSC CSE क्वेश्चन पेपर का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया और अपनी तैयारी की रणनीति बनाने के लिए इन्हें एक मार्गदर्शक के रूप में इस्तेमाल किया. उन्होंने नियमित मॉक टेस्ट के अलावा दैनिक समाचारों और समसामयिक मामलों पर भी ध्यान केंद्रित किया, जिससे उनका ज्ञान और भी निखर गया.
विभोर भारद्वाज की कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई जब उन्होंने 2022 में यूपीएससी सीएसई में 743वीं अखिल भारतीय रैंक हासिल की. हालांकि, यह रैंक उन्हें आईएएस पद की गारंटी नहीं दे सकी, इसलिए उन्होंने साल 2024 में फिर से कोशिश की; इस बार 724 रैंक की छलांग लगाकर AIR 19 हासिल किया और आईएएस अधिकारी बनने का अपना सपना पूरा किया.
AI का इस्तेमाल कर कैसे क्रैक किया एग्जाम?
दिलचस्प बात यह है कि विभोर भारद्वाज की यूपीएससी तैयारी का एक अहम हिस्सा गूगल के जेमिनी जैसे एआई टूल्स का इस्तेमाल था, जिनका इस्तेमाल उन्होंने मॉक इंटरव्यू के लिए किया. विभोर ने बताया कि ये एआई चैटबॉट उनके लिए शिक्षक की तरह काम करते थे, जिससे उन्हें अपनी खूबियों और कमज़ोरियों को पहचानने में मदद मिली.
एआई मॉक इंटरव्यू में उनसे कई तरह के सवाल पूछे गए, जिससे उनकी असली इंटरव्यू की तैयारी और भी मजबूत हुई.










