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शिक्षा

नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्र से निकली बिहार की टॉपर, प्रिया ने किया कमाल, जानें कितने मिले अंक

बगहा के छोटे से गांव हरनाटांड की बेटी प्रिया जायसवाल ने मेहनत और लगन से नया इतिहास रच दिया। कभी नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले इलाके से निकलकर उन्होंने इंटर साइंस में 96.8% अंक हासिल कर बिहार टॉप किया। आर्थिक संघर्षों के बावजूद उनकी सफलता साबित करती है कि सच्ची मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 25, 2025 19:49
Bihar Board Topper Priya Jaiswal
Bihar Board Topper Priya Jaiswal

दिलीप कुमार, बगहा 

बगहा के छोटे से गांव हरनाटांड की बेटी प्रिया जायसवाल ने जो कर दिखाया वह पूरे बिहार के लिए गर्व की बात है। कभी जिस इलाके को नक्सल प्रभावित कहा जाता था वहां की एक साधारण परिवार की बेटी ने मेहनत और लगन से नया इतिहास रच दिया। प्रिया ने इंटर साइंस में 96.8% अंक लाकर न केवल अपने माता-पिता बल्कि पूरे जिले और राज्य का मान बढ़ाया है। आर्थिक संघर्षों के बावजूद उसने हार नहीं मानी और अपनी लगन से यह मुकाम हासिल किया। उसकी सफलता यह साबित करती है कि सच्ची मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।

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बगहा की बेटी बनी बिहार की इंटर साइंस टॉपर

बिहार बोर्ड ने आज इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी किया, जिसमें बगहा के हरनाटांड की रहने वाली प्रिया जायसवाल ने 96.8% अंक प्राप्त कर पूरे बिहार में टॉप किया। खास बात यह है कि प्रिया ने साइंस ही नहीं बल्कि कॉमर्स और आर्ट्स फैकल्टी के छात्रों से भी अधिक अंक प्राप्त किए हैं। पश्चिम चंपारण जिले के इस आदिवासी बहुल इलाके से आने वाली प्रिया ने अपनी मेहनत और लगन से पूरे राज्य का नाम रोशन कर दिया है। जिस क्षेत्र को कभी नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता था वहां की बेटी ने शिक्षा के क्षेत्र में नई मिसाल पेश की है। प्रिया की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर परिवार, स्कूल और पूरे इलाके में जश्न का माहौल है।

परिवार की आर्थिक स्थिति, लेकिन हौसला बुलंद

राज्य संपोषित एस एस +2 विद्यालय, हरनाटांड बगहा -2 की छात्रा प्रिया जायसवाल ने अपनी मेहनत और ऑनलाइन संसाधनों की मदद से यह सफलता पाई है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उनके पिता संतोष जायसवाल, धूमवाटाड़ में आटा चक्की मिल चलाते हैं और उनकी मां, रीमा जायसवाल हैं। लेकिन प्रिया ने कभी भी अपनी परिस्थितियों को अपनी पढ़ाई में रुकावट नहीं बनने दिया। इससे पहले उन्होंने मैट्रिक परीक्षा में पूरे बिहार में 8वां स्थान प्राप्त किया था, और अब इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप करके एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। उनकी इस सफलता से उनके माता-पिता, बहनें और पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है।

गांव में जश्न का माहौल, बधाइयों की लगी कतार

प्रिया के घर पर बधाइयां देने वालों की भीड़ लगी हुई है। परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, शिक्षक और स्थानीय लोग मिठाई खिलाकर एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं। इलाके में जश्न का माहौल है क्योंकि पहली बार इस क्षेत्र से किसी छात्रा ने पूरे बिहार में टॉप किया है। जिस इलाके को कभी रेड कॉरिडोर और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता था आज वहीं की बेटी अपनी मेहनत और प्रतिभा के दम पर पहचान बना रही है। प्रिया की सफलता से न केवल उनके परिवार बल्कि उनके स्कूल और पूरे जिले का सम्मान बढ़ा है।

डॉक्टर बनने का सपना, समाज सेवा की इच्छा

अपनी इस सफलता के बारे में बात करते हुए प्रिया ने कहा कि वह आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती हैं और समाज की सेवा करना चाहती हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता, बहनों और शिक्षकों को दिया जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया। प्रिया की मेहनत यह साबित करती है कि अगर सच्ची लगन और दृढ़ संकल्प हो तो किसी भी परिस्थिति में सफलता हासिल की जा सकती है। बिहार की इस बेटी की सफलता से यह संदेश मिलता है कि शिक्षा ही असली बदलाव की कुंजी है और कोई भी कठिनाई मेहनत के आगे टिक नहीं सकती।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 25, 2025 07:49 PM

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