IAS Neha Byadwal: यूपीएससी (UPSC) परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों छात्र इसमें सफल होने का सपना देखते हैं, लेकिन कुछ ही लोग अपनी मेहनत और लगन से यह सपना साकार कर पाते हैं। नेहा ब्याडवाल भी उन्हीं लोगों में से एक हैं, जिन्होंने कई असफलताओं के बावजूद हार नहीं मानी और अंत में IAS अधिकारी बनकर एक मिसाल कायम की।
डिजिटल दुनिया से दूरी बनाकर की पढ़ाई
नेहा ने पहली बार UPSC परीक्षा दी, लेकिन वह असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने खुद को सोशल मीडिया से पूरी तरह तीन साल तक दूर कर लिया और मोबाइल का इस्तेमाल भी केवल जरूरत तक ही किया। उनका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ तैयारी पर रहा। दरअसल, आज के समय में सोशल मीडिया और मोबाइल फोन हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं, लेकिन ये पढ़ाई के दौरान बड़ा डिस्ट्रैक्शन भी बन सकते हैं।
परिवार से मिला हौसला
नेहा का जन्म जयपुर (राजस्थान) में हुआ और उनका पालन-पोषण छत्तीसगढ़ में हुआ। उनके पिता श्रवण कुमार, इनकम टैक्स विभाग में एक सीनियर अधिकारी हैं। अपने पिता की नौकरी के कारण नेहा ने अलग-अलग राज्यों में स्कूलिंग की। उन्होंने DB गर्ल्स कॉलेज, रायपुर से ग्रेजुएशन किया और यूनिवर्सिटी टॉपर भी रहीं।
तीन बार असफलता, लेकिन नहीं मानी हार
यूपीएससी की राह नेहा के लिए आसान नहीं थी। उन्होंने लगातार तीन बार असफलता का सामना किया, लेकिन उनका हौसला कमजोर नहीं हुआ। उन्होंने सोशल लाइफ से दूरी बनाई, सभी तरह के डिस्ट्रैक्शन हटाए और खुद को पूरी तरह तैयारी में झोंक दिया। इसी दौरान उन्होंने SSC (Staff Selection Commission) की परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन उनका सपना सिर्फ IAS बनना था, इसलिए उन्होंने कोशिश जारी रखी।
चौथे प्रयास में मिली बड़ी सफलता
नेहा का संघर्ष 2021 में रंग लाया। उन्होंने चौथे प्रयास में UPSC परीक्षा पास की। उन्होंने कुल 960 अंक प्राप्त किए, जिनमें से इंटरव्यू में 151 अंक मिले। उन्हें ऑल इंडिया रैंक (AIR) 569 हासिल हुई। तब नेहा की उम्र केवल 24 साल थी।
आज की प्रेरणा हैं नेहा
नेहा ब्याडवाल की कहानी एक उदाहरण है कि कड़ी मेहनत, अनुशासन और समर्पण से कोई भी सपना सच हो सकता है। आज वह IAS अधिकारी के रूप में देश की सेवा कर रही हैं और उनकी सफलता लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन चुकी है।