US Interest Rates Cut Impact on India: अमेरिका ने राष्ट्रपति चुनाव 2024 से ठीक पहले ब्याज दरें घटा दी हैं। UD रिजर्व फेडरल ने मीटिंग से सहमति से ब्याज दरें 50 बेसिस पॉइंट घटाने का फैसला लिया और लागू कर दिया। अब अमेरिका में ब्याज दर 4.75% से 5% के बीच रहेगा। अब से पहले मार्च 2020 में ब्याज दरें घटाई गई थीं। इसके बाद महंगाई कंट्रोल करने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ अमेरिका ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच 11 बार ब्याज की दरें बढ़ाई, लेकिन अब अचानक ब्याज दरों में कटौती का फैसला करके चौंका दिया है, लेकिन क्या इस कटौती का भारत पर कोई असर पड़ेगा? क्या RBI भी ब्यान दरों में कटौती करेगा। हालांकि भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन CS शेट्टी कहते हैं कि जब तक महंगाई नीचे नहीं आती, तब तक कटौती संभव नहीं है, लेकिन अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती का भारत का क्या असर पड़ेगा? आइए इस बारे में जानते हैं…
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विदेशी निवेश
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती से भारत में विदेशी निवेश प्रभावित होगा। जब अमेरिका में ब्याज दरें ज्यादा होती हैं तो इन्वेस्टर्स अमेरिका में ही इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन अब ब्याज दरें घट जाती हैं तो अमेरिका के निवेशक भारतीय बाजारों में इन्वेस्टमेंट को प्राथमिकता देते हैं। इससे भारत में विदेशी पूंजी में इजाफा हो सकता है। इससे भारत के शेयरों और बॉन्ड की मांग बढ़ सकती है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ेंगी और लोग मुनाफा कमाएंगे।
भारतीय रुपये पर असर
अमेरिका में ब्याज दरें घटने से भारतीय में विदेशी निवेश बढ़ेगा और इससे भारतीय रुपये पर असर बढ़ेगा, क्योंकि जब अमेरिका के बिजनेसमैन भारत में इन्वेस्ट करने के लिए अपनी करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलेंगे तो भारतीय करेंसी की डिमांड बढ़ेगी। इससे भारतीय रुपया मजबूत हो सकता है।
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कई सेक्टर्स का फायदा
अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती से IT सेक्टर को फायदा हो सकता है, क्योंकि अमेरिका अपने IT बजट को बढ़ा सकता है। इसके अलावा कंज्यूमर गुड्स और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सेक्टर्स भी ग्रोथ कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक पर असर
अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती देखकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया क्या फैसला लेगा? इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। भारतीय मौद्रिक नीति पर अमेरिका में ब्याज दरों के घटने-बढ़ने का असर रहा है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही कह चुके हैं कि अभी ब्याज दरों में कटौती का सवाल नहीं उठता है, क्योंकि भारत का फोकस वित्तीय स्थिरता बनाए रखने पर है।
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भारतीय निवेशक अलर्ट रहें
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के चलते भारतीय निवेशकों को अलर्ट भी रहना चाहिए। क्योंकि अचानक कटौती का फैसला लेकर अमेरिका ने संकेत दे दिए हैं कि अभी उनकी अर्थव्यवस्था तेजी से कमजोर होगी, जिसका असर भारत पर जरूर पड़ेगा, क्योंकि 4 साल बाद अचानक फैसला कुछ होने पर ही लिया गया होगा।