Budget 2025-26: वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में सरकार सीनियर सिटीजंस के लिए कई घोषणाएं कर सकती हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वरिष्ठ नागरिकों को काफी उम्मीदें हैं। वरिष्ठ नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार और वित्तीय सुरक्षा को लेकर सरकार कई फैसले ले सकती है। आइए जानते हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को इस बजट से क्या-क्या उम्मीदें हैं?
फिलहाल सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्स में 3 लाख रुपये तक की छूट है, जबकि 80 साल से अधिक के लोगों के लिए छूट 5 लाख तक है। नई कर व्यवस्था के तहत 7 लाख रुपये की कुल आय तक टैक्स नहीं देना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक अगर नई कर व्यवस्था में मूल छूट सीमा 10 लाख रुपये तक कर दी जाए तो कई लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
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स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर फिलहाल 18 फीसदी जीएसटी लागू है। नए बजट में इस व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है, ताकि उनको अपनी प्रीमियम पॉलिसियों के लिए वहन करने में आसानी हो। सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) लागू कर रखी है, जिसमें सीनियर सिटीजंस को 8.2 फीसदी तक ब्याज मिलता है। इस ब्याज पर कर छूट का ऐलान किया जा सकता है। इससे उन पर वित्तीय बोझ कम होगा।
टीडीएस सीमा बढ़ाने पर विचार
फिलहाल बैंक और वित्तीय संस्थाएं वरिष्ठ नागरिकों से 50 हजार रुपये से अधिक की ब्याज आय पर टैक्स काटती हैं। अगर किसी सीनियर सिटीजन के पास वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15H नहीं होता तो करों की वापसी के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करना पड़ता है। ऐसे में इस बार TDS सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
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बढ़ती चिकित्सा लागतों को लेकर भी बजट में ऐलान किए जा सकते हैं। सीनियर सिटीजंस फिलहाल धारा-80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा व्यय से संबंधित खर्च के लिए 50 हजार रुपये तक की कटौती के पात्र हैं। इस कटौती की सीमा को एक लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। इससे स्वास्थ्य सेवा लागतों से निपटने में उनको हेल्प मिलेगी। कोविड के बाद भी उनके प्रीमियम में बढ़ोतरी हुई है।
सरकार ने फिलहाल 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों को ही आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी है। इस आयु सीमा को घटाकर 70 वर्ष किया जा सकता है। यह छूट सिर्फ केवल पेंशन और ब्याज से होने वालों को ही मिलती है।