नई दिल्ली: देशभर में टमाटर के दाम सातवें आसमान (Tomatoes Price Hike) पर है। आलम यह है कि लोगों के किचन से टमाटर मानों गायब ही हो गया है। देश कई जगहों पर टमाटर की खुदरा कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम के पार पहुंच गई है। हालांकि आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार का उपभोक्ता मंत्रालय आगे आया है।
उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF) और नेफेड (NAFED) टमाटर खरीद कर लोगों को सस्ते दर (Subsidised Tomatoes) पर बेच रही है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है।
जिन जगहों पर जगहों पर छूट वाले टमाटर बिकते हैं वहां खरीददारों की लंबी-लंबी कतारे लगी रहती। ऐसे में लोगों को टमाटर के लिए लाइन में भी खड़ा होना और अपनी बारी आने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान कई बार लोगों का सब्र भी जवाब दे देता है और वो आपस में ही उलझ जाते हैं।
लोगों का कहना है कि वो अपने काम-अंधे को छोड़कर टामटर खरीदने के लिए लाइन में लगे हैं, क्योंकि बाहर खुदरा में टमाटर (Tomatoes Price Hike) करीब 250 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है, जबकि यहां यानी सरकारी आउटलेट्स पर सब्सिडी (Subsidised Tomatoes) के तहत टमाटर उन्हें 70 रुपये की दर से मिल रहा है। साथ ही इन लोगों का कहना है उनकी ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं है कि वो 250 रुपये की दर से टमाटर खरीद सकें।
एनसीसीएफ के योगेन्द्र प्रसाद सिंह का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कत हमारे कर्मचारियों को हो रहा है। टमाटर ख़त्म होने से नाराज लोग हमारे कर्मचारी से मारपीट करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।
आपको बता दें कि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के निर्देश में 14 जुलाई से सब्सिडीज़ पर टमाटर बिक रही है। एनसीसीएफ (NCCF) वर्तमान में इन्हें 70 प्रति किलो प्रति किलो की दर पर बेच रही है, जबकि बाजार में यही टमाटर 200 रुपये के उपर बिक रही है। एनसीसीएफ के अधिकारियों के मुताबिक टमाटर बेचने के दौरान आउटलेट्स पर भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाई हो रही है।
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