Tax Collection: 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमानों की तुलना में भारत में 5-7 प्रतिशत अधिक प्रत्यक्ष कर संग्रह दर्ज करने की संभावना है। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मजबूत अग्रिम कर संग्रह की वजह से संग्रह अपेक्षाओं से काफी अधिक अंतर से बढ़ने वाला है। परिणामस्वरूप, केंद्र की राजकोषीय स्थिति सकारात्मक रूप से प्रभावित होगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 16.5 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का अनुमान लगाया गया था, जो प्रारंभिक बजट लक्ष्य 14.2 लाख करोड़ रुपये से लगभग 16.2 प्रतिशत अधिक था।
10 मार्च तक कुल रिफंड का संग्रह 13.73 लाख करोड़ रुपये था। सकल संग्रह (प्री-रिफंड) 10 मार्च को 16.68 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 22.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है।
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विभाग संग्रह के संशोधित शुद्ध अनुमानों को 5-7 प्रतिशत से पार करने की उम्मीद जताते हुए एक अधिकारी ने कहा, ‘हम अभी भी नवीनतम संख्याओं को संकलित करने की प्रक्रिया में हैं। लेकिन हमने नवीनतम आंकड़ों को 19 मार्च तक लॉक कर दिया है, जो संशोधित अनुमानों के बराबर है।’ बता दें कि मार्च के महीने में कर संग्रह उच्चतम चरम पर पहुंच जाता है, क्योंकि यह ईयर क्लोजिंग का महीना होता है।
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