Sugar Price Going Down: चीनी की मिठास कुछ कम हो रही है। कहने का मतलब है कि चीनी के भाव में गिरावट देखने को मिली है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रॉ शुगर के दाम 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। इसका असर भारतीय मार्केट पर भी नजर आ रहा है। ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि शुगर स्टॉक्स को लेकर अब क्या रणनीति हो। क्या नया निवेश किया जाए, पुराने निवेश को बेचकर निकला जाए या फिर होल्ड करना बेहतर रहेगा?
क्यों गिर रहे दाम?
शुगर स्टॉक्स पर रणनीति के बारे में जानने से पहले चीनी की कीमतों में गिरावट के कारण पर बात करते हैं। चीनी के भाव इसलिए गिर रहे हैं, क्योंकि इसके उत्पादन में तेजी का अनुमान है। दुनियाभर में चीनी के भाव ब्राजील से आने वाली खबरों से प्रभावित होते हैं। ब्राजील सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। अनुमान है कि ब्राजील में फसल पिछली आशंकाओं के मुकाबले काफी बेहतर रह सकती है। ऐसे में चीनी का उत्पादन ज्यादा होगा और वैश्विक बाजार में चीनी की सप्लाई बढ़ जाएगी। इसी के चलते रॉ शुगर के दाम नीचे आ रहे हैं।
कितनी आई गिरावट?
एक रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत नीचे आ रही है। बीते एक महीने में इसमें 6.5% की गिरावट देखने को मिली है। जबकि 2024 में अब तक इसके भाव में महज 1% की तेजी दर्ज हुई है। मौजूदा वक्त में रॉ शुगर के भाव करीब 20 सेंट प्रति पौंड चल रहे हैं। इसका उच्चतम स्तर 24 सेंट और निचला स्तर 17 सेंट है। आने वाले दिनों में इसमें और कमी देखने को मिल सकती है।
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भारत पर भी असर
बाजार को यह भी उम्मीद है कि साल 2025 की पहली तिमाही में भारत चीनी का एक्सपोर्ट वापस शुरू कर देगा, इसका मतलब है कि सप्लाई और बढ़ जाएगी। रिपोर्ट में भारतीय बाजार का भी जिक्र है। उसके अनुसार, पश्चिम भारत की शुगर मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि चीनी की कीमत, उसकी उत्पादन लागत से भी नीचे आ गई है। ऐसी स्थिति में जब तक चीनी के भाव की समीक्षा नहीं होती, गन्ने के भुगतान में दिक्कत आएगी। कोल्हापुर में चीनी के थोक भाव पिछले 4 महीने में करीब 8% गिरकर 33675 रुपये प्रति टन हो गए हैं, यह जून 2023 के बाद सबसे निचला स्तर है।
शुगर इंडस्ट्री की मांग
भारतीय शुगर इंडस्ट्री चाहती है कि न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) को जल्द से जल्द बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रति टन किया जाना चाहिए। ताकि शुगर मिल्स के लिए हालात सामान्य हो सकें। सरकार ने गन्ने की खरीद का मूल्य बढ़ाया है, लेकिन 2019 से MSP में कोई बदलाव नहीं हुआ है। चीनी मिल मालिकों का कहना है कि उनका वित्तीय बोझ लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में MSP पर तुरंत फैसला होना चाहिए।
ये हैं प्रमुख Stocks
अब बात करते हैं शुगर स्टॉक्स की। शेयर बाजार में कई चीनी कंपनियां लिस्टेड हैं। इसमें Balrampur Chini Mills, Dhampur Sugar Mills, Dalmia Bharat Sugar and Industries, Avadh Sugar & Energy और Shree Renuka Sugars प्रमुख हैं। बलरामपुर चीनी के भाव इस समय 588 रुपये के आसपास चल रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म ICICI Direct ने इसके लिए Buy रेटिंग दी है। फर्म का कहना है कि इस शेयर ने पिछले पांच सालों में 6 गुना से अधिक रिटर्न दिया है। ब्रोकरेज डालमिया भारत शुगर को लेकर भी पॉजिटिव है। कंपनी का शेयर इस समय 433 रुपये के भाव पर मिल रहा है।
इनमें मंदी का माहौल
वहीं, धामपुर शुगर मिल्स के शेयरों के लिए समय अच्छा नहीं चल रहा है। 178.72 रुपये के भाव पर मिल रहा ये शेयर इस साल अब तक 32.82% गिरा है। लिहाजा, फिलहाल इसमें निवेश से बचना बेहतर रहेगा। इसी तरह, अवध शुगर के लिए भी समय अच्छा नहीं है। 566.65 रुपये की कीमत पर मिल रहा ये शेयर इस साल अब तक 15.47% गिर चुका है। ऐसे में फिलहाल इससे दूरी बनाए रखना ही उचित है। श्री रेणुका शुगर की बात करें, तो इसमें भी लाली छाई है। फिलहाल इसके दाम 41.89 रुपये हैं और इस साल अब तक यह 11.62% लुढ़क चुका है। यदि आपने पहले से निवेश किया है तो कुछ वक्त होल्ड करना बेहतर होगा।
अगले महीने आएगा बूस्ट!
शुगर मिल्स के लिए एक अच्छी खबर जनवरी में सामने आ सकती है। माना जा रहा है कि सरकार नए साल की शुरुआत में चीनी की एमएसपी पर कोई फैसला ले सकती है। मिल मालिकों का कहना है कि गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 2017-18 में 2550 रुपये प्रति टन से बढ़कर 2024-25 सीजन में 3,400 रुपये प्रति टन हो गया। लेकिन 2018-19 से चीनी का MSP 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर ही बना हुआ है। इससे उनका बोझ बढ़ा है। ऐसे में अगर सरकार MSP बढ़ाती है तो चीनी मिल्स की आर्थिक सेहत को बूस्ट मिलेगा और इसका असर उनके शेयरों पर भी देखने को मिल सकता है।
(डिस्क्लेमर: यहां बताई गई जानकारी शेयर खरीदने की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश सोच-समझकर और अपने विवेक के आधार पर करें)।