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2000 रुपये से शुरू सहारा कैसे बनीं हजारों करोड़ की कंपनी? सुब्रत रॉय ने लिखीं कौन सी पुस्तकें और मिले कौन से पुरस्कार?

Subrata Roy Sahara Untold Story: 1978 में केवल 2,000 रुपये की जमापूंजी और तीन कर्मचारियों के साथ सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया परिवार की नींव रखी तो किसने कल्पना की होगी कि कुछ ही साल में उनकी कंपनी की कीमत 1,80,000 करोड़ हो जाएगी।

Edited By : Swati Pandey | Updated: Nov 15, 2023 01:52
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Subrata Roy Sahara Untold Story: सुब्रत रॉय सहारा, जिन्हें ‘सहाराश्री’ के नाम से जाना जाता था, कॉर्पोरेट भारत के सबसे सफल, साहसी, मुखर और चर्चित शख्सियतों में से एक थे। कभी स्कूटर पर स्नैक्स बेचने वाले सुब्रत रॉय की सहारा कंपनी 2004 तक भारत में सबसे सफल समूह में से एक बन गई, जिसमें 14 लाख लोगों को रोजगार मिला। सहारा इंडिया भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बना।

इंडिया टुडे समूह ने उनकी सफलता पर प्रकाश डाला। सुब्रत रॉय को ‘भारत के 10 सबसे शक्तिशाली लोगों’ की सूची में शामिल किया गया था। उन्होंने कारगिल शहीदों के 127 परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की। सहारा इंडिया 2002 से 2013 तक टीम इंडिया के ऑफिशियल स्पॉन्सर रहे।

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ऐसे चला सफलता का सिलसिला

सुब्रत रॉय ने शुरू में सहारा फाइनेंस में शामिल हो गए और दो साल बाद कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया। 1990 के दशक में सुब्रत लखनऊ चले गए जो बाद में समूह का आधार बना। सुब्रत रॉय ने सहारा टीवी लॉन्च किया, जिसे बाद में 2000 में ‘सहारा वन’ नाम दिया गया। 2019 में, सहारा ने इलेक्ट्रिक ब्रांड ‘सहारा इवॉल्स’ लॉन्च किया।

सुब्रत रॉय की प्रकाशित पुस्तकें

सुब्रत रॉय एक सफल उद्यमी होने के साथ साथ एक शिक्षक और लेखक भी रहे। हार्वर्ड स्कूल ऑफ बिजनेस, यूएसए जैसे प्रसिद्ध संस्थान; भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान; भारतीय प्रबंधन संस्थान; और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने उन्हें गेस्ट लैक्चर के लिए आमंत्रित किया।
इनकी लिखी चार किताबें प्रकाशित हुईं, जिनमें शांति, सुख: संतुष्टि, मान, सम्मान, आत्मसम्मन, जीवन के मंत्र और मेरे साथ सोचो प्रमुख हैं।

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सुब्रत रॉय को मिले पुरस्कार

सुब्रत रॉय को काफी पुरस्कार मिले। उनमें बाबा-ए-रोजगार पुरस्कार (1992), उद्यम श्री (1994), कर्मवीर सम्मान (1995), राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार (2001), सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक पुरस्कार (2002), वर्ष का उद्यमी पुरस्कार (2002), वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार (2004), आईटीए – वर्ष 2007 का टीवी आइकन, विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान (2010), रोटरी इंटरनेशनल द्वारा उत्कृष्टता के लिए व्यावसायिक पुरस्कार (2010), लंदन में पॉवरब्रांड्स हॉल ऑफ फेम अवार्ड्स में बिजनेस आइकन ऑफ द ईयर अवार्ड (2011), पूर्वी लंदन विश्वविद्यालय से बिजनेस लीडरशिप में मानद डॉक्टरेट (2013), डी. लिट की मानद उपाधि। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा और भारतीय टेलीविजन अकादमी पुरस्कारों की सामान्य जूरी का पुरस्कार मिला।

परिवार के बारे में

सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में हुआ। शुरुआती पढ़ाई कोलकाता में होली चाइल्ड स्कूल में हुई और कालेज शिक्षा गोरखपुर के शासकीय तकनीकी संस्थान से हुई। यहीं से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की। इनकी पत्नी स्वप्ना रॉय और दो बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय हैं।

HISTORY

Written By

Swati Pandey

First published on: Nov 15, 2023 01:13 AM

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