Stock Market Crash: स्टॉक मार्केट बुधवार को क्रैश हो गया। बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों को करीब नौ लाख करोड़ रुपये (8.91 लाख करोड़) का नुकसान हुआ।
रिकॉर्ड ऊंचाई में पहुंचने के बाद सेंसेक्स में गिरावट
सेंसेक्स में करीब 931 अंक की गिरावट देखी गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 930.88 अंक यानी 1.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 70,506.31 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, शुरुआत में सूचकांक 475.88 अंक यानी 0.66 प्रतिशत की बढ़त के साथ 71,913.07 अंक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था। बाद में, इसमें गिरावट आई और यह 70,302.60 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण भी 8,91,729.43 करोड़ रुपये से घटकर 3,50,19,998.87 करोड़ रुपये हो गया। मंगलवार को बीएसई बेंचमार्क 122.10 अंक या 0.17 प्रतिशत बढ़कर 71,437.19 अंक पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 34.45 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 21,453.10 अंक पर पहुंच गया था।
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मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) प्रशांत तापसे के मुताबिक, सभी सेक्टरों में रिडेम्पशन देखा गया। मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में भी भारी बिकवाली का दबाव नजर आया।
टाटा स्टील में सबसे ज्यादा गिरावट
टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 4.21 फीसदी की गिरावट देखी गई। इसके साथ ही, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, एसबीआई, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील और टेक महिंद्रा जैसी अन्य कंपनियों में भी गिरावट देखी गई। एचडीएफसी बैंक ही केवल लाभ में रहा। बीएसई स्मॉल-कैप गेज में 3.42 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं, मिड-कैप सूचकांक में 3.12 प्रतिशत की गिरावट नजर आई।
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तीन हजार से अधिक शेयरों में गिरावट
बता दें कि कुल 3,177 शेयरों में गिरावट देखी गई, जबकि 658 शेयर बढ़त में रहे। वहीं, 86 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के सकारात्मक रुख के बावजूद घरेलू बाजार में दूसरी छमाही में तेज और अचानक बिकवाली देखी गई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक, इसकी वजह मिड और स्मॉल-कैप शेयरों के मूल्यांकन में हुई मुनाफावसूली है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में हालिया तेजी से निवेशक मुनाफावसूली करने के लिए प्रेरित हुए हैं।