Personal Finance: सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड में निवेश का लोकप्रिय तरीका है। अपनी निवेश रणनीति में SIP को शामिल करने वालों का आंकड़ा पिछले कुछ समय में काफी बढ़ा है। भले ही शेयर बाजार की मौजूदा गिरावट ने SIP को लेकर भी निवेशकों को आशंकित किया हो, लेकिन इसकी लोकप्रियता बरकरार है। SIP की सबसे खास बात यह है कि आप कम निवेश से भी शुरुआत कर सकते हैं, जिससे निवेश करना आसान हो जाता है। एसआईपी में निवेश कंपाउंडिंग की शक्ति के साथ तेजी से बढ़ता है। अगर आप जल्दी शुरुआत करते हैं, तो कंपाउंडिंग का भरपूर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
SIP के कई लाभ
SIP की विशेषताओं की बात करें, तो इसमें साप्ताहिक, मासिक या त्रैमासिक (Quarterly) आधार पर निवेश किया जा सकता है। लोग अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर कभी भी अपनी निवेश राशि को एडजस्ट कर सकते हैं। निवेश राशि संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते से ऑटो-डेबिट हो जाती है। इसके अलावा, एसआईपी में आपके पास फ्लेक्सिबल विकल्प होता है। इसका मतलब है कि SIP शुरू करने के बाद उसकी निवेश राशि को कम या बढ़ाया जा सकता है।
जल्दी शुरुआत का फायदा
चलिए एक उदाहरण से SIP और कंपाउंडिंग की शक्ति को समझने की कोशिश करते हैं। साथ ही यह भी जानते हैं कि SIP में जल्दी शुरुआत कितनी महत्वपूर्ण है। हम यह मानकर चलते हैं कि दो व्यक्ति SIP में निवेश कर रहे हैं। निवेशक A 25 वर्ष की आयु से 5000 रुपये प्रति माह का निवेश शुरू करता है और 45 वर्ष की आयु तक निवेश जारी रखता है। यानी निवेश अवधि कुल 20 वर्ष है। इस लिहाज से उसका कुल निवेश होगा 12,00,000 रुपये और 12% वार्षिक रिटर्न के आधार पर मैच्योरिटी अमाउंट 50,00,000 रुपये हो जाएगा।
देरी से फायदे में कुछ कमी
इसी तरह, निवेशक B 35 वर्ष की आयु में 5000 रुपये प्रति माह का निवेश शुरू करता है और 55 वर्ष की आयु तक (कुल 20 वर्ष) उसे जारी रखता है। उसकी कुल निवेश राशि होगी 12,00,000 रुपये और मैच्योरिटी अमाउंट होगा (12% वार्षिक रिटर्न पर) 28,00,000 रुपये। इस तरह 10 वर्ष पहले निवेश शुरू करने से निवेशक A को 22,00,000 अधिक की कमाई होती है और ऐसा कंपाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि ब्याज की बदौलत संभव हुआ है। इसलिए जल्द शुरुआत करना हमेशा अच्छा रहता है।
कब तक बनेगा 5 करोड़ का फंड?
अब चलिए यह भी जान लेते हैं कि अगर आप हर महीने 6000 रुपये निवेश करते हैं, तो 5 करोड़ रुपये का फंड तैयार करने में कितना समय लगेगा? इसका जवाब है लगभग 40 साल। आइये आपको पूरी कैलकुलेशन समझाते हैं। 10 वर्ष में आपका 6000 रुपये का मंथली इन्वेस्टमेंट हो जाएगा 7,20,000 रुपये, पूंजीगत लाभ यानी कैपिटल गेन होगा 6,24,215 रुपये होगा और अनुमानित फंड 13,44,215 रुपये।
इस तरह पहुंचेंगे लक्ष्य तक
20 साल में कुल निवेश राशि 14,40,000 रुपये होगी, पूंजीगत लाभ 40,79,144 रुपये और अनुमानित फंड 55,19,144 रुपये हो जाएगा। इसी तरह, 30 वर्षों में निवेश राशि हो जाएगी 21,60,000 रुपये, पूंजीगत लाभ 1,63,25,839 रुपये और अनुमानित फंड 1,84,85,839 रुपये। 40 साल में निवेश राशि 28,80,000 रुपये, पूंजीगत लाभ 5,58,78,426 रुपये और अनुमानित फंड 5,87,58,426 रुपये हो जाएगा। इस तरह आपको 5 करोड़ के लक्ष्य तक पहुंचने में 40 साल लगेंगे।
क्या है कंपाउंडिंग?
कंपाउंडिंग की बात करें, तो इसका मतलब है पहले मिले रिटर्न पर रिटर्न कमाना। इसे चक्रवृद्धि ब्याज भी कहते हैं। कंपाउंडिंग से समय के साथ धीरे-धीरे मूलधन और संचित ब्याज दोनों पर रिटर्न उत्पन्न करने में मदद मिलती है, जो लंबी अवधि में तेजी से वृद्धि में योगदान देता है। इसलिए चक्रवृद्धि ब्याज की शक्ति कई बार ऐसे परिणाम देती है कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है।
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