अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक दिख रहे हैं। हाल ही में लिए उनके कई फैसले इसकी गवाही भी देते हैं। इसी कड़ी में बीते दिनों रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर लिए उनके निर्णयों की दुनिया में काफी चर्चा है। बता दें यूएस रेसिप्रोकल टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होने की संभावना है।
ऐसे में भारत समेत अन्य देशों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? लोग इसका आकलन करने में जुटे हैं। अब इस मुद्दे पर एसबीआई रिसर्च की ताजा रिपोर्ट आई हैं, जिसमें अमेरिका के ट्रेड का भारत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया गया है। यहां बता दें कि रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब होता है जब कोई देश दूसरे देश पर उतना ही टैरिफ लगाता है, जितना वह देश उसके उत्पादों पर लगाता है।
India to gain in an uncertain world of tariffs, says SBI reporthttps://t.co/QW3eYBs4M7
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यूरोप से अमेरिका तक इंडिया कर रहा नए मार्गों पर काम
भारत पर यूएस ट्रेड रेसिप्रोकल टैरिफ का ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार नए टैरिफ का इंडिया पर न के बराबर असर पड़ेगा। इस बात को बल देने के लिए रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत अपने निर्यात में कई तरह से बदलाव ला रहा है। साथ ही देश निर्यात को लेकर अपने काम करने के तरीकों में कई वैल्यू एडिशन पर काम करने में जुटा है। भारत कई वैकल्पिक क्षेत्रों को लेकर खोज कर रहा है। इसके अलावा नई सप्लाई चेन एल्गोरिदम को तैयार करने में जुटा है।
कुल निर्यात में 3-3.5% तक की गिरावट हो सकती है
अमेरिकी टैरिफ को लेकर भारत समेत कई देशों के बीच तनाव है। इस बीच एसबीआई रिसर्च की ये नई रिपोर्ट देश के कारोबारियों के लिए राहत लेकर आई है। द हिन्दू की खबर के अनुसार रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के कुल निर्यात में 3-3.5% तक की गिरावट हो सकती है। हालांकि, इसे मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में हाई एक्सपोर्ट टारगेट के जरिए सुधारा जा सकता है।
🚨 The impact of US reciprocal tariffs on India’s exports is expected to be minimal, with overall incremental tariffs limiting the impact on exports to 3-3.5% – State Bank of India. pic.twitter.com/ghvVlMyP3d
— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) February 17, 2025
भारत का अमेरिका के साथ एल्यूमीनियम व्यापार और स्टील व्यापार पर काम करने की जरूरत है
रिपोर्ट के मुताबिक भारत का अमेरिका के साथ एल्यूमीनियम व्यापार और स्टील व्यापार पर काम करने की जरूरत है, जो बीते कुछ समय में कम हुआ है। इसके अलावा भारत मुफ्त व्यापार समझौतों के जरिए घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर टैरिफ के असर को कम कर सकता है। रिपोर्ट में आगे ये भी बताया गया कि बीते 5 वर्षों में भारत ने यूएई, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया और अन्य कुछ बड़े देशों के साथ 13 कारोबार को लेकर कई नए समझौते किए हैं।
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