---विज्ञापन---

Retail Inflation: निचले स्तर पर महंगाई के आपके लिए क्या मायने? जानें क्या हुआ सस्ता

January 2025 inflation: महंगाई लंबे समय से लोगों की चिंता की वजह बनी हुई है। इस बीच मुद्रास्फीति के जनवरी के जो आंकड़े सामने आए हैं वह कुछ राहत देने वाले हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 13, 2025 12:10
Share :
Inflation

Retail Inflation Data: महंगाई के मोर्चे पर राहत मिली है। रिटेल इन्फ्लेशन जनवरी में घटकर 4.31% रही है, जो अगस्त 2024 के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। समय के साथ कोई उत्पाद कितना महंगा या सस्ता हुआ है, इसका पता खुदरा मुद्रास्फीति यानी रिटेल इन्फ्लेशन के आंकड़ों से चल जाता है। भारत में, यह डेटा आमतौर पर हर महीने की 12 तारीख को पेश किया जाता है।

कहां, कैसा रहा हाल?

चूंकि खुदरा मुद्रास्फीति को बेची जा रही कई वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को ट्रैक करके मापा जाता है, इसलिए डेटा मोटे तौर पर यह भी दर्शाता है कि लोगों के लिए खरीदारी कितनी सस्ती या महंगी हो गई है। जनवरी 2025 में सबसे अधिक मुद्रास्फीति दर वाली टॉप 5 वस्तुओं में नारियल तेल (54.20%), आलू (49.61%), नारियल (38.71%), लहसुन (30.65%), मटर  (30.17%) शामिल हैं। जबकि सबसे कम मुद्रास्फीति दर वाली वस्तुओं में जीरा (-32.25%), अदरक (-30.92%), सूखी मिर्च (-11.27%), बैंगन (-9.94%), LPG (-9.29%) शामिल हैं।

---विज्ञापन---

क्या हुआ सस्ता?

दिसंबर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 में खाद्य और पेय पदार्थों (Food & Beverages) की कुल कीमतों में मामूली गिरावट देखी गई। इसमें अंडे, सब्जियां और चीनी और कन्फेक्शनरी आइटम की कीमतें शामिल हैं। मसाले, दालें और उससे संबंधित उत्पाद भी सस्ते हुए हैं। इसी तरह, पान, तंबाकू आदि की कीमतों में भी मामूली गिरावट आई है।

यह भी पढ़ें – Sanjay Dutt Whisky पहली चॉयस किसकी? कितने की बोतल और कहां-कहां उपलब्ध

---विज्ञापन---

क्या महंगा हुआ?

अनाज, मांस, मछली, दूध और दूध से बने उत्पाद, तेल, वसा, फल, नॉन-अल्कोहल पेय पदार्थ, तैयार भोजन, स्नैक्स और मिठाइयों की कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई है। हालांकि, ओवरऑल फूड एवं बेवरेज कैटेगरी की कीमतों में गिरावट आई है और ऐसा सब्जियों की कीमतों में नरमी के कारण हुआ। अन्य उत्पाद जिनकी कीमतों में मामूली वृद्धि देखी गई, उनमें कपड़े, जूते, हाउसिंग, फ्यूल एंड लाइट, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन शामिल हैं। इसी तरह, रिक्रिएशन और अम्यूजमेंट एक्टिविट, एजुकेशन एंड पर्सनल केयर की कीमतों में भी दिसंबर 2024 की तुलना में जनवरी में वृद्धि देखी गई।

इतना हुआ इजाफा

हाउसिंग प्राइस में वृद्धि की दर दिसंबर में 2.71% से बढ़कर जनवरी में 2.76% हो गई। हालांकि, एजुकेशन और हेल्थ इन्फ्लेशन क्रमशः 3.95% से 3.83% और 4.05% से 3.97% तक गिर गई। ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन क्षेत्र की मुद्रास्फीति 2.64% से बढ़कर 2.76% हो गई, जबकि फ्यूल एंड लाइट क्षेत्र की मुद्रास्फीति,-1.33% से घटकर -1.38% हो गई है।

कैसे होती है गणना?

इसका मतलब यह है कि ऊपर बताए गए उत्पादों की कीमतें भले ही एक महीने की अवधि में बढ़ीं हैं, लेकिन दिसंबर 2024 की तुलना में बढ़ोतरी का अनुपात कम हुआ है। इसकी कैलकुलेशन करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का उपयोग किया जाता है। जनवरी 2024 के लिए CPI डेटा 185.5 था, जबकि जनवरी 2025 के लिए 193.5 है। इन दो महीनों की CPI वैल्यू के बीच के अंतर को मुद्रास्फीति दर कहा जाता है, जो इस मामले में 4.31% है। दिसंबर 2024 में यह 5.22% और जनवरी 2024 में 5.10% थी।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Feb 13, 2025 12:10 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें