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सस्ते कर्ज के लिए और इंतजार, RBI ने Repo Rate में नहीं किया कोई बदलाव

No Relief: सस्ते कर्ज की आस लगाए बैठे लोगों को फिर एक बार झटका लगा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है। RBI MPC की तेन दिवसीय बैठक की समाप्त पर आज इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी गई।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 6, 2024 14:06
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RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक समाप्त हो गई है। RBI गवर्नर शक्तिकान्त ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो रेपो रेट यथावत रखी गई है। बैठक में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का फैसला लिया गया। यह 11वीं बार है जब RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

CRR में हई कटौती

MPC की बैठक में नकद आरक्षित अनुपात (CRR) को 4.5% से घटाकर 4% करने का फैसला लिया गया है। रिजर्व बैंक के इस फैसले से बैंकों के लिए नकदी की समस्या दूर हो सकेगी। दरअसल, नकद CRR बैंकों की जमा राशि का वह हिस्सा होता है, जो बैंकों को RBI के पास अनिवार्य रूप से रखना होता है। अब जब इसमें कमी आई है, तो बैंकों के पास ज्यादा नकदी उपलब्ध होगी।

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राहत की थी उम्मीद

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले कई बार से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे में लोग चाहते थे कि इस बार इसमें कटौती की जाए, ताकि कर्ज सस्ता हो सके। महंगाई के आंकड़े पहले जितने डरावने नहीं है, इस वजह से नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई थी, लेकिन RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि, एक्सपर्ट्स पहले से ही कह रहे थे कि आरबीआई पिछली बैठकों की तरह रेपो रेट को यथावत रख सकता है, क्योंकि महंगाई को लेकर उसकी चिंताएं कायम हैं।

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कब घटेगी महंगाई?

बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए RBI गवर्नर शक्तिकान्त ने कहा कि इस वित्त वर्ष में महंगाई के 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। तीसरी तिमाही में यह 5.7% और चौथी तिमाही में 4.5% रह सकती है। GDP ग्रोथ पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जीडीपी विकास दर के वित्त वर्ष 2025 में 6.6% रहने का अनुमान है। तीसरी तिमाही में यह 6.8% और चौथी तिमाही में 7.2% हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक एवं NBFC के वित्तीय मापदंड मजबूत हैं और वित्तीय क्षेत्र की सेहत अच्छी स्थिति में है।

RBI गवर्नर ने बैठक के बाद यह भी बताया कि किसानों के लिए कोलैटरल फ्री लोन (Collateral Free Loan) की सीमा बढ़ाई गई है। अब किसान 2 लाख रुपए तक का लोन बिना कुछ गिरवी रखे प्राप्त कर सकेंगे। पहले ये सीमा 1.6 लाख रुपए थी।

कर्ज से क्या है रिश्ता?

अब चलिए रेपो रेट और आपकी EMI या लोन के रिश्ते को भी समझ लेते हैं। रेपो रेट (Repo Rate) दरअसल वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक बैंकों को लोन देता है। जबकि, रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को RBI के पास पैसा रखने पर ब्याज मिलता है। ऐसे में जब रेपो रेट में बढ़ोत्तरी होती है, तो बैंकों के लिए कर्ज महंगा हो जाता है और वो इसका बोझ ग्राहकों पर डालते हुए कर्ज महंगा कर देते हैं। बैंक केवल नए लोन ही महंगे नहीं करते, बल्कि पुराने Loan भी महंगे कर देते हैं और इस वजह से आपकी EMI बढ़ जाती है। यदि RBI आज रेपो रेट में कटौती करता, तो बैंकों के भी लोन सस्ता करने की संभावना बनती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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News24 हिंदी

First published on: Dec 06, 2024 11:01 AM

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