RBI New Guidelines: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने आम लोगों का बड़ा राहत देते हुए लोन अकाउंट्स पर बैंक की ओर से लगाए जाने वाले पेनल्टी को लेकर नया गाइडलाइंस जारी किया है। इसके तरह आरबीआई ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से कहा है कि वो अपना रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए लोन अकाउंट्स पर पेनल्टी नहीं लगा सकते।
आरबीआई (RBI New Guidelines) का कहना है कि बैंक लोन के ऊपर लिए जा रहे इंटरेस्ट में ही पेनल्टी जोड़ देते हैं और फिर उस इंटरेस्ट के ऊपर भी इंटरेस्ट ले रहे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी है।
Fair Lending Practice – Penal Charges in Loan Accountshttps://t.co/ItjpHPBzGz
— ReserveBankOfIndia (@RBI) August 18, 2023
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भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वो कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन कर लोन लेने वाले ग्राहकों पर जुर्माना लगाते हैं। आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को पेनाल्टी चार्ज को ‘पेनल चार्ज’ की कैटेगरी में न रख कर ‘पेनल इंटरेस्ट’ में रखना चाहिए। आपको बता दें कि पेनल इंटरेस्ट बैंकों के लोन पर ब्याज से होने वाले इनकम में जुड़ जाता है।
केंद्रीय बैंक (RBI New Guidelines) ने अपने नए गाइडलाइंस में साफ-साफ कहा है कि बैंक ग्राहक के लोन डिफॉल्ट या फिर लेन शर्तों के उल्लंघन पर अप्लिकेबल इंटरेस्ट रेट्स पर पेनल रेट ऑफ इंटरेस्ट लगा रहे हैं जो सही नहीं है।
रिजर्व ने बैंक का ये सर्कुलर अगले साल 1 जनवरी 2024 से लागू होंगी। फिलहाल आरबीआई का नए गाइडलाइंस के दायरे में सभी कमर्शियल बैंक जिसमें स्मॉल फाइनेंस बैंक, लोकल एरिया बैंक, रीजनल रूरल और पेमेंट बैंक आएंगे।
इसके साथ ही आरबीआई के नए गाइडलाइंस के दायरे में सभी प्राइमरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, SIDBI NABARD, NaBFID और NHB भी आ जाएंगे।
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