Repo Rate Unchanged: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव किया है। बैंक ने रेपो रेट में कोई भी कटौती नहीं करने का फैसला किया है। ब्याज दरें 6.50 फीसदी पर बनी रहेंगी। हालांकि आरबीआई ने अपने रुख में बदलाव करते हुए इसे न्यूट्रल कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर में नरमी और सुस्ती बनी रहेगी। इसके असमान बनी रहने की उम्मीद है।
#WATCH | Mumbai | RBI Governor Shaktikanta Das says, “The standing deposit facility (SDF) rate remains at 6.25% and the marginal standing facility (MSF) and the bank rate stand at 6.75%. The NPC decided unanimously to change the stance to neutral and to remain unambiguously… pic.twitter.com/NTz6ibBSNW
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 9, 2024
आरबीआई ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.0 प्रतिशत रह सकती है। वहीं तीसरी और चौथी तिमाही में इसके 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 7.3 प्रतिशत रह सकती है। भारतीय बैंक का दरों में कटौती न करने का फैसला अमेरिकी केंद्रीय बैंक के उलट है, जिसने हाल में ब्याज दरों में 0.5 फीसदी की कटौती की है।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एसडीएफ रेट 6.25 फीसदी है। वहीं एमएसएफ 6.75 फीसदी रहेगी। बैंक ने पाया है कि महंगाई और विकास की स्थिति बैलेंस है।
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के फ्लोटिंग लोन पर बड़ा फैसला
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। विदेशी मुद्रा भंडार 70,000 करोड़ डॉलर के पार चला गया है। जुलाई और अगस्त में एफडीआई का फ्लो बेहतर हुआ है। रिजर्व बैंक ने फ्लोटिंग रेट के लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज नहीं होना चाहिए। नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के फ्लोटिंग लोन पर आरबीआई का ये बड़ा फैसला है।
इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 5000 रुपये तक बढ़ा दी है। पहले यह सीमा 2000 रुपये तक थी। इसका मतलब ये है कि अब आप यूपीआई वॉलेट में 5000 रुपये तक रख सकते हैं।