RBI Monetary Policy: आरबीआई ने अपनी मॉनेटरी पॉलिसी को जारी कर दिया है. रेपो रेट में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। यानी जो उम्मीद कर रहे थे कि आम नागरिक को ईएमआई के मोर्चे पर थोड़ी राहत मिलेगी, ऐसा कुछ नहीं हुआ। आरबीआई ने पुरानी रेपो रेट को ही यानी 6.5 फीसदी कायम रखा है। पॉलिसी आने से पहले शेयर मार्केट झूम रहा था। 65,800 के पार ट्रेड पहुंच चुका था। यानी कह सकते हैं कि हरे निशान के ऊपर लगभग सभी शेयर ट्रेड कर रहे थे। हालांकि इस खबर के बाद शेयर मार्केट में गिरावट देखी जा रही है।
RBI’s Monetary Policy Committee decided to maintain the status quo, Repo Rate kept unchanged at 6.50%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/IRfAjZ1Jra
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 6, 2023
महंगाई कम करने पर रहेगा जोर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत की ग्रोथ काफी अच्छी रही है। हम चाहते हैं कि भारत में महंगाई की दर 4 फीसदी तक रहे। इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है। आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि एमपीसी में 6 में से 5 सदस्यों ने इस प्लान को माना है। हालांकि गवर्नर शक्तिकांत दास का ये भी कहना है कि दालों के अभाव से महंगाई बढ़ सकती है. फाइनेंशियल ईयर 2024 के लिए महंगाई की दर 5.4 फीसदी रह सकती है। वहीं GDP ग्रोथ पर भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. 6.5 फीसदी ही आरबीआई ने अभी रखा है।
क्या होता है रेपो रेट
इस पॉलिसी में सभी की नजर रेपो रेट पर रहती है। आपको बताते हैं कि आखिर क्यों ये रेट इतनी जरुरी होती है। दरअसल ये वो रेट है जिस पर बैंकों को आरबीआई की तरफ से लोन दिया जाता है। अगर ये रेट कम होगा तो बैंक ज्यादा से ज्यादा लोन आरबीआई से लेंगे और सस्ते ब्याज पर आगे ग्राहकों को लोन देंगे। इस रेट का असर सीधे हमारी जेब पर पड़ता है। इसलिए हर दो महीने के बाद आरबीआई की तरफ से मॉनेटरी पॉलिसी जारी की जाती हैं। पॉलिसी से पहले 3 दिन के लिए 6 सदस्य की समिति इस पर अपना खाका तैयार करती है।