Public Provident Fund Account : पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) लंबे समय की बचत और टैक्स बचाने के लिए सरकार की एक योजना है। इससे इन्वेस्टर सालाना टैक्स में कटौती कर सकते हैं और अच्छी खासी राशि जमा कर सकते हैं। आयकर अधिनियम के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में राहत के साथ ब्याज कमाने में पीपीएफ को सबसे बेहतर टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट माना जाता है।
इसमें निवेशक सालाना डेढ़ लाख रुपये तक की राशि जमा कर सकते हैं। इसे एक बार में या कई इंस्टालमेंट्स में जमा कराया जा सकता है। इसके लिए सबसे कम राशि 500 रुपये प्रति वर्ष रहती है। पीपीएफ अकाउंट सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के किसी बैंक में या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है। इसकी वार्षिक रिटर्न दर इस समय 7.1 प्रतिशत है।
जब आपका पीपीएफ अकाउंट मैच्योर हो जाता है और आपको तुरंत पैसे की जरूरत नहीं होती है तो इसके तहत मिलने वाली राशि को आप कई तरीकों से प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकते हैं।
खाता बंद करना जरूरी नहीं
पीपीएफ अकाउंट मैच्योर होने के बाद इसे बंद करना अनिवार्य नहीं होता। आप जब तक चाहें बिना कोई डिपॉजिट किए अपने खाते को आगे भी चला सकते हैं। अच्छी बात यह है कि आपको हर साल इस पर ब्याज मिलता रहेगा और इस पर कोई टैक्स भी नहीं देना होगा। आप हर साल पीपीएफ में उपलब्ध बैलेंस से टैक्स फ्री राशि निकाल सकते हैं।
हालांकि, एक ध्यान देने वाली बात यह है कि मैच्योर होने के बाद एक साल या इससे अधिक समय तक खाते में कोई नया डिपॉजिट नहीं होता तो फिर से डिपॉजिट करने का विकल्प नहीं मिलता।
अकाउंट की अवधि बढ़ाएं
आप अपने पीपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट करना जारी रख सकते हैं। यह एक्सटेंशन पांच साल की अवधि का होता है जिसके पूरे होने के बाद आप फिर से इतनी ही अवधि के लिए इसे फिर बढ़ा सकते हैं। लेकिन इसके लिए पीपीएफ इन्वेस्टर को अकाउंट मैच्योर होने के एक साल के अंदर बैंक या पोस्ट ऑफिस को इसकी जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर आप नया डिपॉजिट नहीं कर पाएंगे।
पैसे को फिर से निवेश करें
पीपीएफ अकाउंट मैच्योर होने के बाद आप अपना खाता बंद कर सकते हैं और पूरा पैसा अपने सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके लिए आपको खाता बंद कराने का फॉर्म भरना होगा और संबंधित बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा करना होगा। इस पैसे को आप किसी और इन्वेस्टमेंट योजना में लगा सकते हैं।
बैलैंस्ड एडवांटेज फंड्स
अगर आप मध्यम से उच्च स्तर का जोखिम उठा सकते हैं तो आप डायनैमिक फंड्स में अपना पैसा लगा सकते हैं। यह बाजार मूल्यांकन के अनुसार ऋण और इक्विटी में आवंटन को बार-बार बदल सकता है। फंड्स की यह कैटेगरी लंबे समय में आपको आराम से आठ से 12 प्रतिशत तक का रिटर्न दे सकती है।
फ्लेक्सी कैप और मल्टीकैप
अगर आप थोड़ा इन्वेस्टमेंट रिस्क लेने के लिए तैयार हैं तो आप इक्विटी फंड्स का विकल्प भी चुन सकते हैं जो बाजार में विभिन्न आकार की कंपनियों में अपना निवेश विस्तारित करते हैं। फ्लेक्सी कैप इक्विटी स्कीम बिना किसी सीमा के विभिन्न कंपनियों में निवेश की सुविधा देती है। जबकि मल्टीकैप फंड्स में सभी आकार के बाजारों में एक विशेष आवंटन रणनीति होती है।
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