नई दिल्ली: मोदी सरकार 30 सितंबर के बाद भी गरीबों को मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए PMGKAY योजना का विस्तार करने पर विचार कर सकती है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने यह जानकारी साझा की, लेकिन क्या फैसला सरकार लेगी, इसपर निर्णय आना बाकी है। हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट मानती हैं कि सरकार गरीबों को इस स्कीम को बढ़ाकर तोहफा दे सकती है।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की वार्षिक आम बैठक से इतर पांडे ने PMGKAY योजना के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को फैसला करना है।’ विस्तार पर खाद्य मंत्रालय के विचार पर, सचिव ने कहा, ‘ये बड़े सरकारी फैसले हैं … सरकार इस पर फैसला करेगी।’
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PMGKAY scheme: इसके बारे में जानें
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) मार्च 2020 में शुरू की गई थी
- इस योजना के पीछे का विचार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत आने वाले लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करना था, ताकि लॉकडाउन अवधि के दौरान उनकी कठिनाई को कम किया जा सके।
- यह एनएफएसए के तहत सामान्य आवंटन से अधिक था। इस योजना को कई बार बढ़ाया जा चुका है और अब यह 30 सितंबर तक वैध है।
- प्रारंभ में 2020-21 में, PMGKAY योजना की घोषणा केवल अप्रैल, मई और जून 2020 (चरण- I) के तीन महीने की अवधि के लिए की गई थी।
- बाद में, सरकार ने इस योजना को जुलाई से नवंबर 2020 (चरण- II) तक बढ़ा दिया।
2021-22 में जारी COVID-19 संकट के साथ, केंद्र ने अप्रैल 2021 में मई और जून 2021 (चरण- III) के दो महीने की अवधि के लिए योजना को फिर से बढ़ाया और जुलाई से नवंबर 2021 (चरण- IV) तक इसे और पांच महीने के लिए बढ़ा दिया।
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इस योजना को फिर से दिसंबर 2021 से मार्च 2022 (चरण-V) तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद केंद्र ने 26 मार्च को गरीबों को 80,000 करोड़ रुपये की लागत से 5 किलो अनाज मुफ्त देने की योजना को छह महीने बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दिया था।
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