नई दिल्ली: पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) एकबार फिर चर्चा में हैं। विजय शेखर शर्मा बिना कैश दिए ₹5000 करोड़ की डील की है। उन्होंने एंट फिन (Antfin) से 10.30% हिस्सेदारी वापस खरीदने का समझौता किया है। मौजूदा भाव के लिहाज से इस डील की वैल्यू करीब 5,000 करोड़ रुपये है।
इस डील के बाद Paytm में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर करीब 19.42 फीसदी हो जाएगी और वो पेटीएम के सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे साथ ही कंपनी पर उनका कंट्रोल भी बढ़ जाएगा। रिजिलिंट एसेट मैनेजमेंट (Resilient Asset Management BV) के जरिए विजय शेखर शर्मा इस हिस्सेदारी को खरीदने जा रहे हैं।
मेहनत से बदली अपनी किस्मत
अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदलने का विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) है। आज उनका नेट वर्थ करोड़ों नहीं बल्कि अरबों में है। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचा उनके लिए भी आसान नहीं था। विजय शेखर शर्मा ने असफलताओं से कभी हार नहीं माना और आगे बढ़ते रहे।
पिता थे स्कूल शिक्षक
विजय शेखर शर्मा का जन्म 7 जून 1978 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनकी मां एक गृहिणी और पिता एक स्कूल शिक्षक थे। उनकी का नाम मृदुला शर्मा है जबकि बेटे का नाम विवान शर्मा है।
हिंदी माध्यम वाले पढ़ाई शुरू करने वाले विजय शेखर पढ़ाई में बहुत तेज और क्लास में हमेशा फस्ट आते थे। 14 साल की उम्र में ही 12वीं पास कर ली।
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दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की पढ़ाई
इसके बाद विजय शेखर शर्मा दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से आगे की पढ़ाई की। जैक मा से प्रभावित होकर होकर विजय इंटरनेट की दुनिया में क्षेत्र में कुछ बड़ा काम करना चाहते थे। वे याहू की वेबसाइट को देखकर स्टैनफोर्ड कॉलेज जाने का सपना देखने लगे, वित्तीय स्थितियों और अंग्रेजी की कमजोरी के कारण ऐसा नहीं कर पाए।
जिस कंपनी को बनाया उसी करनी पड़ी नौकरी
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कोडिंग की भी शिक्षा प्राप्त की और कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम का निर्माण किया। उन्होंने थर्ड ईयर में अपने एक दोस्त के साथ मिलकर ‘XS’ नामक कंपनी की शुरुआत की। इसका बिजनेस मॉडल बहुत सारे लोगों को पसंद आया। विजय शेखर शर्मा ने 1999 में, उन्होंने ‘XS’ कंपनी को संयुक्त राज्य अमेरिका की ‘लोटस इंटरवर्क’ को पांच लाख डॉलर में बेच दिया। इसके बाद उन्होंने उसी कंपनी में एक कर्मचारी के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
‘वन 97’ की असफलता के बाद ‘Paytm’ की स्थापना
लेकिन कुछ दिन ही विजय (Vijay Shekhar Sharma) ने नौकरी छोड़ दी और ‘वन 97’ नामक कंपनी की स्थापना की। लेकिन डॉट कॉम बुम के कारण उनकी कंपनी फिर से सफल नहीं हो पाई। इन विफलतों से विजय ने हार नहीं मानी और अपनी संघर्षशीलता को बनाए रखा। इस दौरान उन्हें काफी आर्थिक मुश्किलों का भी समाना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं माना और 2001 में ‘Paytm’ नामक नई कंपनी की स्थापना की।
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Paytm आज दुनिया भर में बन चुका है ब्रैंड
शुरुआत में, Paytm ने प्रीपेड मोबाइल रिचार्ज और डीटीएच रिचार्ज की सुविधाएं प्रदान की। उन्होंने धीरे-धीरे उन्होंने इसमें सेवाओं की विस्तार करते हुए विभिन्न ऑनलाइन लेनदेन की सुविधाएं शुरू की और आज यह देश का सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफ़ॉर्म बन गया है। जिसकी कुल वेल्यू 15000 करोड़ रुपये के ऊपर है।