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Infosys Layoffs: 100 से अधिक बर्खास्त कर्मचारियों ने PMO को लिखा लेटर, की ये डिमांड

Infosys Layoffs News: इन्फोसिस कंपनी से बर्खास्त किए गए 100 कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। लेटर में ये भी मांग की गई है कि भविष्य में उनके साथ ऐसा न हो, सुनिश्चित किया जाए।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Feb 27, 2025 23:01
Infosys Layoffs

Layoffs in Infosys: दिग्गज कारोबारी एनआर नारायणमूर्ति की अगुआई वाली आईटी कंपनी Infosys ने हाल ही में 100 से अधिक ट्रेनी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि मैसूरु स्थित कंपनी के ये कर्मचारी असेसमेंट टेस्ट में फेल हो गए थे। इसकी वजह से इनको बाहर का रास्ता दिखाया गया था। अब इन कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को पत्र लिखा है, जिसमें नौकरी बहाली के लिए हस्तक्षेप करने की डिमांड की गई है। पीएमओ को लिखे लेटर में कर्मचारियों ने मांग की है कि भविष्य में उनके साथ ऐसा न हो, यह भी सुनिश्चित किया जाए।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए कर्नाटक के श्रम आयुक्त को एक लेटर लिखा है, जिसमें आग्रह किया गया है कि वह मैसूरु परिसर में की गई छंटनी के मामले में हस्तक्षेप करे। यह लेटर 25 फरवरी को भेजा गया है, जिसमें कहा है कि आप इस मामले की जांच के साथ ही आवेदकों और कार्यालय को सूचित करने के लिए कार्रवाई करें।

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इसी महीने की शुरुआत में भारत की सबसे दूसरी बड़ी आईटी कंपनी Infosys ने 300 से अधिक फ्रेशर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इन ट्रेनी कर्मचारियों ने मैसरु कैंपस में फाउंडेशनल ट्रेनिंग ली थी, लेकिन ये इंटर्नल असेसमेंट टेस्ट में फेल हो गए थे। इसके बाद इन पर एक्शन हुआ था। कंपनी को अपने फैसले के बाद आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

2 साल के इंतजार के बाद इन ट्रेनी कर्मचारियों को अक्टूबर 2024 में सेवा में लिया गया था। आईटी कर्मचारी संघ NITES ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की मांग की थी, साथ ही कंपनी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया था। श्रम मंत्रालय के पत्र में 117 कर्मचारियों की शिकायत का जिक्र है। एक नोटिस नैसेंट इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा को भी भेजा गया।

इन्फोसिस ने आरोपों से किया इनकार

यूनियन ने आरोप लगाया था कि छंटनी के दौरान हस्ताक्षर करवाने के लिए कंपनी ने बाउंसरों का इस्तेमाल किया था। हालांकि इन्फोसिस के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) शाजी मैथ्यू ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने किसी को धमकाने की कोशिश नहीं की। छंटनी परफॉर्मेंस के आधार पर की गई। किसी से भी जबरन इस्तीफा नहीं लिया गया। PTI से बातचीत में उन्होंने कहा कि आरोप गलत हैं। मैथ्यू ने कहा कि जो प्रशिक्षु आवास संबंधी दिक्कतों के चलते परिसर में रहना चाहते थे, उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी गई थी। वहीं, पुणे स्थित आईटी कर्मचारी संघ NITES ने कहा है कि अगर सरकार ने उचित कार्रवाई नहीं की तो वह प्रशिक्षुओं के साथ मिलकर आंदोलन शुरू करेगा।

First published on: Feb 27, 2025 11:01 PM

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