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नोएडा में 44 साल बाद भी नहीं हुई इन फ्लैटों की रजिस्ट्री! अब सैनिकों को छोड़ना पड़ेगा अपना घर?

Noida Authority: नोएडा सेक्टर-21 और 25 में 1850 फ्लैटों के आवंटन पर खतरा मंडरा रहा है। जानकारी के मुताबिक, 44 साल बाद भी इन फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। इसको लेकर अब नोटिस जारी किया गया है।

Edited By : Shabnaz | Updated: Oct 22, 2024 12:52
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Noida Authority
सांकेतिक तस्वीर

Noida Authority: नोएडा के सेक्टर-21 और 25  में रहने वाले नौसेना,  वायुसेना के अफसरों और कर्मचारियों के लिए ये खबर है। दरअसल, नोएडा सेक्टर-21 और 25 में इन लोगों के करीब 1850 फ्लैट ऐसे हैं जो इन लोगों से छिन सकते हैं। जब से ये फ्लैट अलॉट किए गए हैं तब से अब तक करीब 44 साल बाद भी इनकी रजिस्ट्री नहीं कराई जा सकी है। रजिस्ट्री के लिए नोएडा प्राधिकरण ने केवल 30 दिन का समय दिया है।

1980 से 1993 अलॉट किए गए थे फ्लैट

ये मामला 37 साल पुराना है, जब नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-21 और 25 में जमीन अलॉट की। प्राधिकरण ने ये अलॉटमेंट एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड को दिया था। इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री 26 सितंबर 1987 को हुई। इसके बाद एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड ने इस जमीन पर एक योजना निकालने का फैसला किया। बोर्ड ने नौसेना और वायुसेना के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवासीय योजना का ऐलान किया। जिसमें 2, 3 और 4 बीएचके फ्लैट (3696) निकाले गए। जिनका अलॉटमेंट 1980 से 1993 के बीच हुआ था।

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1850 फ्लैटों की नहीं हुई रजिस्ट्री

फ्लैट अलॉटमेंट के बाद से अब लोग उनमें ऐसे ही रह रहे हैं। हाल ही में (9 सितंबर 2024) को हाउसिंग बोर्ड ने नोएडा प्राधिकरण को लेटर लिखकर इस समस्या को फिर से उजागर किया गया। लेटर में बताया गया कि अलॉट किए गए 3696 फ्लैटों में से करीब 1850 की अब तक रजिस्ट्री नहीं हो पाई है। आवंटियों का इस तरह से रहना नियमों का उल्लंघन है। इसके बाद ही एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड को नोटिस जारी किया गया है।

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नोटिस मिलने के बाद बोर्ड अब आवंटियों के लिए भी नोटिस जारी करेगा। रजिस्ट्री 30 दिनों के अंदर नहीं कराई गई तो फ्लैट को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके बाद आवंटी पर उसका कब्जा नहीं होगा।

मूल आवंटियों का नहीं है कुछ पता

इस दौरान कई ऐसे फ्लैट हैं जो जिनको उनके मालिक ने पावर ऑफ अटार्नी के जरिए बेच दिया। इस हिसाब से बहुत से फ्लैटों में उनके मूल अलॉटी नहीं रहते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट् के मुताबिक, जलवायु विहार सहकारी आवास समिति के चेयरमैन डॉ. अभिजीत कुमार का कहना है प्राधिकरण से मांग की गई है कि वर्तमान आवंटी के नाम रजिस्ट्री की अनुमति दें। सभी खरीदार रजिस्ट्री कराने के लिए राजी हैं। क्योंकि इतने ज्यादा साल बीत चुके हैं कि अब मूल आंवटी तक पहुंचना मुश्किल है।

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Shabnaz

First published on: Oct 22, 2024 12:52 PM

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