सूरज की तपिश बढ़ने के साथ ही ठंडे के बाजार में गर्मी बढ़ रही है। इस सीजन ज्यादा से ज्यादा लोगों की ‘प्यास’ बुझाने का मुकाबला बेहद रोचक होगा। क्योंकि रिलायंस भी कोका कोला (Coca-Cola) और पेप्सी (Pepsi) जैसी दिग्गज कंपनियों का बाजार गणित बिगाड़ने के लिए मौजूद है। ठंडे के इस बाजार में पिछले कई सालों से पेप्सी और कोक का राज है और दोनों एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देते आए हैं।
खूब हुई थी विज्ञापन वॉर
पेप्सी और कोला कोला के बीच विज्ञापन वॉर भी बेहद रोचक रही है। पेप्सी अपनी लोकप्रिय टैगलाइन ‘ये दिल मांगे मोर’ को वापस लेकर आई है। 1990 के दशक में दोनों ब्रांड ने अपने क्रिएटिव एड कैंपेन से एक-दूसरे पर खूब तंज कसे थे। 1996 में कोका कोला आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का आधिकारिक प्रायोजका बना, तो पेप्सी ने ‘नथिंग ऑफिशियल अबाउट इट’ कैंपेन रिलीज करके उसका मजाक उड़ाया। सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे क्रिकेट दिग्गज पेप्सी के विज्ञापनों में नजर आए थे।
रिलायंस की प्राइस वॉर
इस बार भी दोनों के बीच दिलचस्प विज्ञापन वॉर देखने को मिल सकती है। खास बात यह है कि इस बारे उन्हें केवल एक-दूसरे के खिलाफ ही लड़ाई नहीं लड़नी, बल्कि रिलायंस का भी मुकाबला करना है, जिसने पहले से ठंडे के बाजार में प्राइस वॉर शुरू कर दी है। रिलायंस आकर्षक कीमतों के बल पर कई बाजारों को हिला चुकी है। मुकेश अंबानी की यह कंपनी अपनी आक्रामक मूल्य रणनीति के लिए पहचानी जाती है। रिलायंस कैम्पा कोला को बाजार में वापस लेकर आई है और महज 10 रुपये में एनर्जी ड्रिंक्स उपलब्ध करा रही है।
कोक ने कम की कीमत
रिलायंस द्वारा शुरू की गई प्राइस वॉर का सामना करने के लिए कोका कोला और पेप्सी ने भी कमर कस ली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कोलकाता जैसे कुछ बाजारों में कैम्पा से प्रतिस्पर्धा करने के लिए कोका-कोला ने 250 मिलीलीटर के पैक की कीमत घटाकर 15 रुपये कर दी है। पेप्सी और कोका-कोला दोनों ने हाल ही में 20 रुपये में 400 मिलीलीटर का पैक पेश किया है, जिसमें 150 मिलीलीटर मुफ्त दिया जा रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठंडे का बाजार कम मार्जिन वाला कारोबार है, ऐसे में इस एग्रेसिव प्राइस पॉइंट पर लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल है। कहने का मतलब है कि मुनाफा कमाने के लिए कंपनियों को कीमतें बढ़ानी होंगी।
अंबानी के हैं बड़े प्लान
मुकेश अंबानी कैम्पा को चुनिंदा बाजारों तक सीमित नहीं रखना चाहते। उनकी कोशिश इसे पैन इंडिया पर पुरानी वाली पहचान दिलाना है। कोका-कोला के थम्स अप को पीछे छोड़कर कैम्पा द्वारा इस साल के इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के ‘को-पावर्ड’ स्पॉन्सरशिप के राइट्स हासिल करना अंबानी की इसी रणनीति का हिस्सा है। रिलायंस ने 200 करोड़ रुपये में यह राइट्स खरीदे हैं। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो कैम्पा ने पहले ही कुछ राज्यों में कार्बोनेटेड बेवरेज मार्केट का 10% हिस्सा हासिल कर लिया है। जबकि पेप्सिको और कोका-कोला के पास अनुमानित 85% बाजार हिस्सेदारी है।
कितना बड़ा है बाजार?
कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट का मूल्य लगभग 80 अरब डॉलर है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस बाजार में कोला सेगमेंट 20 अरब डॉलर का है। मौजूदा वक्त में कोका-कोला पेप्सी से आगे है, क्योंकि लोकल ब्रांड थम्स अप सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड है और वह कोक के पोर्टफोलियो का हिस्सा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ठंडे के बाजार में मार्च से जून की अवधि में 50% बिक्री होती है। इस बार बड़ी बोतलों के बजाय छोटे पैक साइज (250 मिली) कंपनियों के बीच की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
दायरा बढ़ा रहा कैम्पा
कैम्पा कोला 1970 के दशक में एक फेमस घरेलू ब्रांड था। अब अंबानी इसे फिर से मार्केट में लेकर आए हैं। करीब दो साल पहले रिलायंस ने कैम्पा को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में री-लॉन्च किया था। तब से अब तक यह लगातार अपने दायरे का विस्तार कर रहा है। इस वजह से पेप्सी और कोक जैसी कंपनियों के लिए बाजार में बढ़त के लिए अपनी रणनीति में बदलाव जरूरी हो गया है। रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) ने महज 10 रुपये में स्पोर्ट्स ड्रिंक स्पिनर (Spinner) लॉन्च करके भी दिग्गज कंपनियों की परेशानी बढ़ा दी है। इसके जवाब में कोका-कोला ने भी अपने वैश्विक स्पोर्ट्स ड्रिंक ब्रांड ‘BodyArmorLyte’ को भारत में लॉन्च करने का ऐलान किया है।