Mosquito Bite Health Insurance Policy Claim: बरसाती मौसम है और ऐसे में खुद को मच्छरों के डंक से बचाना मुश्किल हो जाता है, जिसके कारण न चाहते हुए हम बीमार भी पड़ सकते हैं। मच्छर के काटने पर होने वाली बीमारियां जैसे- डेंगू और मलेरिया हो सकता है। ऐसे में कई बार उन लोगों का सवाल रहता है जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा होता है। अगर आप भी उनमें से एक हैं जिन्होंने हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है और ये जानना चाहते हैं कि मच्छर के काटने पर होने वाली बीमारी के दौरान क्लेम मिलता है या नहीं? आइए जानते हैं।
क्या डेंगू या मलेरिया बीमा द्वारा कवर किया जाता है?
जी हां, स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में डेंगू का बुखार और मलेरिया का कवर मिलता है। हालांकि, सभी पॉलिसी कंपनियों के नियम और शर्तें अलग-अलग होती हैं। अलग-अलग पॉलिसी में विभिन्न कवरेज मिलता है। कई हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में डायग्नोस्टिक टेस्ट, दवाओं से लेकर अस्पताल में भर्ती होना या फिर डेंगू बुखार का इलाज भी शामिल होता है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि उसमें क्या-क्या कवर किया जा रहा है। इस बात का खास ध्यान रखें कि कितने रुपये के प्रीमियम के साथ आपको कितनी बीमारियों का कवर मिल रहा है।
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मौसमी संक्रामक बीमारियों में से एक है डेंगू और मलेरिया
बरसाती मौसम के अलावा अन्य मौसम में कई बीमारियां ऐसी हैं जो इन्फेक्शन के कारण होती हैं, जिनका क्लेम हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से लिया जाता है। पॉलिसीबाजार की एक हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम स्टडी पर अगर गौर करें तो उसमें जानकारी दी गई है कि मौसमी बीमारियों के कुल क्लेम में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां भी शामिल हैं। मच्छरों से होने वाली इन बीमारियों के इलाज में आमतौर पर 50 हजार रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है।
स्टडी में इस बात की भी जानकारी दी गई कि जुलाई और अगस्त महीने में मच्छरों से होने वाली बीमारियों से जुड़े हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में बढ़ोतरी हो जाती है। इसकी वजह ये है कि इन महीनों में बरसात ज्यादा होती है और साफ-सफाई न होने या पानी के भरने पर मच्छर पनपते हैं।
हेल्थ क्लेम में डेंगू और मलेरिया का कितना हिस्सा?
मौसमी बीमारियों में मच्छरों से होने वाली समस्या का हिस्सा 15 प्रतिशत है। जबकि, कुछ डाटा बताते हैं कि मौसमी क्लेम में डेंगू, मलेरिया समेत अन्य इन्फेक्शन का हिस्सा 18 प्रतिशत है। मौसमी बीमारियों में कुछ क्लेम एलर्जी के भी होते हैं जिनकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है।
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