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लोगों पर चढ़ा लग्जरी घरों का फ‍ितूर; नहीं पसंद आ रहे छोटे और सस्‍ते घर; 1 करोड़ से ज्‍यादा कीमत वाले घरों की बिक्री बढ़ी

प्रीमियम घरों में लोगों की द‍िलचस्‍पी बढ़ी है. साल-दर-साल (जनवरी से सितंबर 2025) बिक्री में बाजार हिस्सेदारी हासिल की. 1 करोड़ रुपये से कम कीमत की हिस्सेदारी पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 48% से घटकर 38% हो गई.

Author Written By: Vandana Bharti Author Published By : Vandana Bharti Updated: Oct 29, 2025 17:14

प‍िछले कुछ साल में घरों खरीदने वालों की च्‍वॉइस में बदलाव देखा जा रहा है. अब लोग सस्‍ते घरों की बजाय प्रीम‍ियम और लग्‍जरी घरों को खरीदने में ज्‍यादा द‍िलचस्‍पी द‍िखा रहे हैं. एक र‍िपोर्ट में ये दावा क‍िया गया है क‍ि इस साल जनवरी 2025 से स‍ितंबर 2025 के बीच ऐसे लोगों की संख्‍या में इजाफा हुआ है, जो लग्‍जरी और प्रीम‍ियम मूल्‍य वाले घर खरीद रहे हैं.

इस र‍िपोट को रियल एस्टेट कंसल्टेंसी जेएलएल इंडिया ने जारी क‍िया है. र‍िपोर्ट के अनुसार, भारत का आवास बाजार मूल्य और प्रीमियम जीवन शैली की ओर स्पष्ट बदलाव दिखा रहा है. र‍िपोर्ट के अनुसार 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक कीमत वाले अपार्टमेंट की बिक्री में जनवरी-सितंबर 2025 के दौरान 4% साल-दर-साल (YoY) वृद्धि दर्ज की गई है. हालांक‍ि कुल आवास बिक्री में 12% की गिरावट आई है. क्‍योंक‍ि लोग बड़े पैमाने पर 1 करोड़ रुपये से कम कीमत वाले घरों में इंटरेस्‍ट नहीं द‍िखा रहे हैं.

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लग्‍जरी और प्रीम‍ियम सेगमेंट वाले घरों की ड‍िमांड बढ़ी

प्रीमियम सेगमेंट यानी ज‍िनकी कीमत 1 करोड़ और उससे ज्‍यादा है, ऐसे घरों या अपार्टमेंट की बिक्री का प्रत‍िशत, कुल ब‍िक्री का 62% है. पिछले साल ये आंकड़ा 52% था. यानी प‍िछले एक साल के दौरान प्रीम‍ियम घरों और अपार्टमेंट की मां काफी ज्‍यादा बढ़ी है.

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मास हाउसिंग सेगमेंट को झटका

दूसरी ओर 1 करोड़ से कम कीमत वाले घरों और अपार्टमेंट्स, ज‍िसे मास हाउसिंग सेगमेंट भी कहा जाता है, उसे भारी झटका लगा है. 1 करोड़ से कम कीमत वाले घरों की बिक्री में 30% की गिरावट देखी गई है. प्रीमियम घरों में, 1.5-3 करोड़ रुपये की श्रेणी में सबसे ज्‍यादा उछाल आया है और मांग में 10% की वृद्धि दर्ज की गई है.

क्‍यों महंगे घर खरीद रहे लोग

जेएलएल इसका श्रेय “मूल्य-आधारित खरीदारी” की ओर बढ़ते रुझान को देता है. इसका मतलब ये हुआ क‍ि अब लोग सस्‍ता या क‍िफायती कीमत की बजाय ऐसे घरों या अर्पामेंट्स का चुनाव कर रहे हैं, ज‍िसका मूल्‍य भव‍िष्‍य में और बेहतर हो जाएगा.

जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और अनुसंधान प्रमुख डॉ. सामंतक दास ने कहा क‍ि बाजार में बदलाव हो रहा है. कुल बिक्री में साल-दर-साल 12% की गिरावट के बावजूद प्रीमियम आवास की मांग ने समग्र बिक्री को बढ़ावा दिया. उन्होंने कहा क‍ि इस साल कुल बिक्री का लगभग 24% इसी अवधि में शुरू की गई परियोजनाओं से आया, जो खरीदारों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है.

भारत के टॉप 7 शहरों में, बेंगलुरु, मुंबई और पुणे का दबदबा कायम रहा और कुल बिक्री में इनका योगदान 60% से ज्‍यादा रहा.

बेंगलुरु: 45,815 यून‍िट्स बिकीं (सालाना आधार पर 11% की गिरावट)

मुंबई: 42,398 इकाइयां बिकीं (सालाना आधार पर 16% की गिरावट)

पुणे: 40,269 इकाइयां (1% की वृद्धि) – सकारात्मक वार्षिक वृद्धि वाला एकमात्र शहर

चेन्नई: सालाना आधार पर 15% की वृद्धि – 2025 की तीसरी तिमाही में 14% की वृद्धि के साथ मूल्य वृद्धि में अग्रणी

कोलकाता: कम बिक्री के बावजूद, सालाना आधार पर 16% की सबसे ज्‍यादा मूल्य वृद्धि दर्ज की गई

कुल मिलाकर, भारत के शीर्ष सात शहरों में 2025 के पहले नौ महीनों में 202,756 अपार्टमेंट बिके, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 230,000 इकाइयां बिकी थीं.

First published on: Oct 29, 2025 05:09 PM

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