Investment in NPS : ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नई पेंशन स्कीम (NPS) को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच देश में लंबे समय से खींचतान के बीच कयासों का बाजार गर्म है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार अपने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार नई पेंशन व्यवस्था के नियमों में बड़ा बदलाव कर सकती है।
हालांकि पिछले दिनों राज्यसभा में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सवाल- क्या केंद्रीय कर्मचारियों को उनके आखिरी वेतन का 40 से 45 फीसदी तक न्यूनतम पेंशन मिलेगी? का जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
दरअसल केंद्र सरकार ने अप्रैल 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एनपीएस की समीक्षा के लिए कमिटी का गठन किया गया है, जो नई पेंशन स्कीम को रिव्यू कर रही है। टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता वाली कमिटी को कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्र और राज्यों की सरकारों के हितों की रक्षा करते हुए एक फॉर्मूला तैयार करना है।
NPS के तहत अपने आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन प्राप्त नहीं होने के संबंध में सरकारी कर्मचारियों के बीच चिंता उन लोगों से है जो इस योजना से पहले ही बाहर निकल गए। उन लोगों के लिए जो पहले से ही NPS से बाहर चले गए हैं, उनकी अधिकतम सेवा की अवधि थोड़े से अधिक 18 वर्ष है, जबकि माध्यिक सेवा की अवधि 9 वर्ष के बराबर होती है।
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एक आंकलन के मुताबिक एनपीएस में 30 साल या उससे अधिक समय तक निवेश करने पर बढ़ियां रिटर्न मिलता है। आमतौर पर सरकारी नौकरी 30 साल इसमें निवेश करते हैं, जिसमें 10% उनकी मूल वेतन का योगदान होता है और 14% नियोक्ता से आता है। जानकारों की माने तो एक अच्छे रिटायरमेंट लाभ के लिए, एक व्यक्ति को 30 साल या फिर उससे अधिक समय तक निवेश करना चाहिए।
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में कर्मचारी का कोई योगदान नहीं होता था। इसके तहत सरकार कर्मचारी को पेंशन के रूप में उनके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत राशि देती थी। साथ ही महंगाई के हिसाब से साल में दो बार इसे बढ़ाया जाता था।
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