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10 साल में 77 गुना बढ़ा मोबाइल फोन का निर्यात, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में 2027 तक भारत हासिल कर लेगा ये उपलब्धि

ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में भारत अग्रणी देश बनता जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया में लगातार तेजी से डेवलप होता जा रहा है। एक्सिस कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण मूल्य संवर्धन 70 प्रतिशत हो चुका है।

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Apr 12, 2025 11:39
Electronics

ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग की दुनिया में भारत तेजी से तरक्की कर रहा है। एक्सिस कैपिटल ने ताजा आंकड़े जारी किए हैं, जिनके मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (Manufacturing) में मूल्य संवर्धन (Value Addition) 30 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी हो चुका है। वित्त वर्ष 2027 तक इसके 20 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 90 फीसदी होने का अनुमान है। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक नई घटक (Constituent) नीति के साथ देश का लक्ष्य मूल्य संवर्धन को मौजूदा 15-16 फीसदी से बढ़ाकर 40-50 फीसदी तक करना है।

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पिछले 10 सालों में मोबाइल फोन निर्यात 77 गुना तक बढ़ गया है। भारत पूरी तरह निर्मित एयर कंडीशन (CBU) के आयात को घटाकर इस साल 5 फीसदी कर चुका है। 2019 की बात की जाए तो उस समय यह 35 प्रतिशत था। इसके अलावा कॉपर ट्यूब, कंप्रेसर व एल्युमीनियम कॉइल जैसे उत्पाद भी अब भारत में बनाए जा रहा है। पिछले साल की बात करें तो भारत में लगभग 8.5 मिलियन (85 लाख) RAC कंप्रेसर आयात किए गए थे। उम्मीद है कि अगले 2-3 साल में इनका निर्माण भारत में ही होने लगेगा।

लगातार बढ़ रहा निर्यात

आयात शुल्क में बढ़ोतरी के कारण प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) की डिमांड व्यवसाय और उपभोक्ता दोनों क्षेत्रों में बढ़ चुकी है। 2016 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स का उत्पादन कम होता था, जबकि आयात ज्यादा था। अब हालात बदले हैं, पीएम मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम रंग लाने लगी है। इसके बदौलत आयात से 24 प्रतिशत ज्यादा उत्पादन स्थानीय स्तर पर होने लगा है। इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में लगातार निर्यात बढ़ रहा है।

99 फीसदी फोन का निर्माण घरेलू स्तर पर

2016 से वित्त वर्ष 2025 तक की बात करें तो निर्यात की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 26 फीसदी रही है। वित्त वर्ष 18 में 300 बिलियन (करीब 3.5 अरब रुपये) मूल्य के मोबाइल PCBA का आयात हुआ था, जो 2024 तक शून्य हो चुका है। भारत ने कई नीतियों का पालन किया है, जिसके बाद अब अधिक PCB और अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई कदम बढ़ाए हैं। नई विनिर्माण इकाइयों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर घटाकर सिर्फ 15 फीसदी कर दी है। भारत को वैश्विक तौर पर चीनी रणनीति से निपटने का विकल्प देखा जा रहा है। 99 प्रतिशत फोन भी अब स्थानीय स्तर पर बनाए जा रहे हैं।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Apr 12, 2025 11:26 AM

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