Indian Whisky: भारत की व्हिस्की ने दुनिया में अपनी बादशाहत साबित कर दी है। जिस देश को कभी सिर्फ मसालों और चाय के लिए जाना जाता था, आज वही देश ग्लोबल व्हिस्की मार्केट पर राज कर रहा है। भारतीय ब्रांड्स ने टॉप 10 में 5 स्थान हासिल कर लिए हैं, जबकि चीन का एक भी ब्रांड इस लिस्ट में नहीं है। यह सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और बेहतरीन क्वालिटी की पहचान है। हर घूंट के साथ भारतीय व्हिस्की अब दुनिया को अपना स्वाद चखा रही है और यह कहानी आने वाले सालों में और सुनहरी होने वाली है। आइए जानते हैं…
भारतीय व्हिस्की का ग्लोबल दबदबा
भारत की व्हिस्की ने दुनियाभर में अपनी ताकत साबित कर दी है। एक समय था जब भारत को मसालों और चाय के लिए जाना जाता था, लेकिन अब भारतीय व्हिस्की ग्लोबल मार्केट में राज कर रही है। ‘द स्पिरिट्स बिजनेस ब्रांड चैंपियंस 2024’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की भारतीय ब्रांड है। यही नहीं टॉप 10 में 5 भारतीय ब्रांड्स ने जगह बनाई है, जबकि चीन का कोई भी ब्रांड इस लिस्ट में शामिल नहीं है। यह भारत के बढ़ते व्हिस्की बाजार और बेहतरीन क्वालिटी का प्रमाण है।
Did you know?!
4 of the world’s top-selling whiskies aren’t from Scotland or the USA – they’re from India! 🇮🇳🥃
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— Nigel D’Souza (@Nigel__DSouza) March 2, 2025
भारतीय ब्रांड्स की शानदार बिक्री
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की के टॉप 4 स्थानों पर भारतीय ब्रांड्स का कब्जा रहा। मैकडॉवेल्स ने 31.4 मिलियन केस बेचे, जबकि रॉयल स्टैग 27.9 मिलियन केस के साथ दूसरे नंबर पर रहा। ऑफिसर्स चॉइस (23.4 मिलियन केस) और इम्पीरियल ब्लू (22.8 मिलियन केस) ने भी टॉप 4 में अपनी जगह बनाई। 5वें स्थान पर स्कॉटलैंड का जॉनी वॉकर रहा, जिसने 22.1 मिलियन केस बेचे। टॉप 10 में भारत का 8 पीएम व्हिस्की भी शामिल है, जिसने 12.2 मिलियन केस की बिक्री की। इसके अलावा भारत के अन्य ब्रांड्स जैसे ब्लेंडर्स प्राइड (9.6 मिलियन केस), रॉयल चैलेंज (8.6 मिलियन केस) और स्टर्लिंग रिजर्व (5.1 मिलियन केस) भी टॉप 20 में जगह बनाने में सफल रहे।
भारतीय बाजार में बढ़ती मांग
भारत में प्रीमियम व्हिस्की की मांग लगातार बढ़ रही है। उपभोक्ताओं का रुझान अब बेहतर क्वालिटी वाली व्हिस्की की ओर बढ़ रहा है, जिससे विदेशी कंपनियां भी भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए उत्सुक हैं। हाल ही में भारत सरकार ने अमेरिका से आने वाली बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ कम करने की घोषणा की है। इसके अलावा ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया भी भारत में अपने अल्कोहल ब्रांड्स की पहुंच बढ़ाने के लिए टैरिफ कटौती की मांग कर रहे हैं। यह साफ संकेत है कि भारतीय व्हिस्की बाजार न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारत का बढ़ता दबदबा
इस रिपोर्ट से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत का व्हिस्की बाजार अब दुनिया में अपना अलग स्थान बना चुका है। भारतीय ब्रांड्स की बढ़ती लोकप्रियता और बेहतरीन क्वालिटी ने उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। चीन जैसे बड़े बाजार के किसी भी ब्रांड का टॉप 10 में न होना भारत की बढ़ती साख को और मजबूत करता है। आने वाले वर्षों में भारतीय व्हिस्की ब्रांड्स की मांग और बढ़ने की संभावना है, जिससे भारत का दबदबा और भी बढ़ेगा। यह सिर्फ संख्याओं की जीत नहीं है, बल्कि भारत के स्वाद और क्वालिटी की दुनिया में बढ़ती पहचान का प्रमाण है।