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2023 में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास

Fastest Growing Economies: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को विश्वास जताया कि भारत 2023 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, जो चालू वित्तवर्ष में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। आरबीआई गवर्नर ने लंदन में सेंट्रल बैंकिंग द्वारा आयोजित समर मीटिंग्स में शुरुआती भाषण […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Jun 14, 2023 15:00
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RBI Governor,  Shaktikanta Das

Fastest Growing Economies: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को विश्वास जताया कि भारत 2023 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा, जो चालू वित्तवर्ष में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। आरबीआई गवर्नर ने लंदन में सेंट्रल बैंकिंग द्वारा आयोजित समर मीटिंग्स में शुरुआती भाषण देते हुए कहा, ‘हम 2023-24 के दौरान वास्तविक जीडीपी में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करते हैं। पूरी संभावना है कि भारत 2023 में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा।’

उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने महामारी के बाद ‘अनुकरणीय लचीलापन’ प्रदर्शित किया और 2020-21 में 5.8 प्रतिशत के संकुचन से 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि और 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जोरदार वापसी की। और राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों की समन्वित प्रतिक्रिया से तुरंत सुधार की दिशा में बढ़ी।

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किए गए सुधार

उन्होंने कहा कि बैंकिंग, डिजिटलीकरण, कराधान, विनिर्माण और श्रम से संबंधित विभिन्न संरचनात्मक सुधारों को पिछले कुछ वर्षो में लागू किया गया है, जिसने मध्यम और दीर्घावधि में मजबूत और सतत विकास की नींव रखी है।

उन्होंने कहा, ‘सरकार का पूंजीगत व्यय पर लगातार जोर अतिरिक्त क्षमता पैदा कर रहा है और कॉर्पोरेट निवेश में बहुप्रतीक्षित पुनरुद्धार का पोषण कर रहा है।’

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दास ने जोर देकर कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी खुलेपन में तेजी से लाभ कमाया है और पिछले कुछ वर्षो में धीरे-धीरे वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत हो गई है। नतीजतन, यह तेजी से वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के सामने आ रहा है। हालांकि, यह ध्यान रखना उचित है कि पिछले कुछ वर्षो में भारत की वृद्धि मुख्य रूप से वैश्विक मंदी के बीच मजबूत घरेलू मांग, विशेष रूप से निजी खपत और निवेश से प्रेरित है।

आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि संकट के दौरान सक्रिय और फुर्तीले होने से किसी को तेजी से विकसित हो रहे घटनाक्रमों का तेजी से जवाब देने की फुर्ती मिलती है।

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Written By

Nitin Arora

First published on: Jun 14, 2023 03:00 PM

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