MedTekon 2025 : दिल्ली के ताज पैलेस में मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MTaI) के प्रमुख कार्यक्रम मेडटेकॉन 2025 का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में नीति निर्माताओं, निवेशकों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के नेताओं ने शिरकत की। इन्वेस्टमेंट और रिफॉर्म पर केंद्रित इस कार्यक्रम ने भारत के मेडटेक क्षेत्र में निवेश वृद्धि और तकनीकी प्रगति के लिए एजेंडा निर्धारित किया। मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत 2030 तक वैश्विक मेडटेक हिस्सेदारी को 10-12 प्रतिशत तक बढ़ाएगा।
MedTekon में क्या बोलीं अनुप्रिया पटेल?
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश के मेडटेक क्षेत्र के भविष्य को आकार देने के लिए इंडस्ट्री लीडर्स, बिजनेसमैन, पॉलिसी मेकर और हेल्थकेयर स्टेकहोल्डर्स को एकजुट करने वाले प्रमुख मंच मेडटेकॉन 2025 का उद्घाटन करना सम्मान की बात है। उद्योग 2030 तक अपने बाजार आकार को दोगुना करके 30 बिलियन डॉलर करने और अपने वैश्विक हिस्से को 1.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 10-12 प्रतिशत करने की ओर अग्रसर है। भारत तेजी से एक मेडटेक पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। जैसे-जैसे देश इस गति में आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे इनोवेशन, इन्वेस्टमेंट एंड पॉलिसी रिफॉर्म में सहयोगात्मक प्रयास भारत को सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा तकनीक में अग्रणी बनाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
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भारत को वैश्विक मेडटेक नेता के रूप में स्थापित करने की जरूरत : डॉ. वीके पॉल
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि मेडटेकन 2025 भारत के वैश्विक पदचिह्न का विस्तार करने, नवाचार को बढ़ावा देने और घरेलू विनिर्माण को मजबूत करने के लिए उपयुक्त मंच के रूप में कार्य करता है। चिकित्सा उपकरणों की बढ़ती मांग के साथ भारत को खुद को वैश्विक मेडटेक नेता के रूप में स्थापित करना चाहिए। भारत के 4,000 से अधिक स्वास्थ्य-तकनीक स्टार्टअप को वैश्विक स्तर पर विस्तार करने के लिए अधिक इन्वेस्टमेंट और रेगुलेटरी सपोर्ट की आवश्यकता है। निवेशकों के विश्वास और सेक्टर की वृद्धि के लिए विनियामक मानकों को वैश्विक बेंचमार्क के साथ सामंजस्य बैठाना बहुत जरूरी है। नवाचार, निवेश और नीति स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके किफायती, उच्च-गुणवत्ता वाली चिकित्सा तकनीक में अग्रणी के रूप में भारत की भूमिका को मजबूत कर सकते हैं।
एक मजबूत मेडटेक बुनियादी ढांचे की जरूरत पर फोकस : पवन चौधरी
MTaI के चेयरमैन पवन चौधरी ने भारत की बढ़ती स्वास्थ्य सेवा जरूरतों का समर्थन करने के लिए निवेश-अनुकूल नीतियों और एक मजबूत मेडटेक बुनियादी ढांचे की जरूरत पर फोकस किया। क्या प्रौद्योगिकी अमानवीयकरण और बहुत अधिक तनाव के लिए जिम्मेदार है? पर पवन चौधरी ने असहमति जताई और इस बात पर जोर डाला कि हिकिकोमोरी (जापान में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) जैसे समुदायों का उदय उन लोगों के लिए है, जो मानवीय जुड़ाव के बजाय प्रौद्योगिकी-संचालित बातचीत को प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि मानवीय संपर्क कुछ हद तक तनाव और संकट का कारण बन सकते हैं। मशीनें न्याय नहीं करती हैं और थकती नहीं हैं और इसलिए आज दुनिया भर में लाखों हिकिकोमोरी उन्हें पसंद करते हैं, जिनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
वक्ताओं के रूप में ये लोग रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं में असीम साहू (उप औषधि नियंत्रक, CDSCO), अजीत चव्हाण (अतिरिक्त सीईओ, GeM), रितु सैन (निवेश आयुक्त, छत्तीसगढ़ सरकार), हितेंद्र साहू (निदेशक, फार्मास्यूटिकल्स विभाग), चिन्मई द्विवेदी (एमएचडी प्रमुख बीआईएस), पद्मश्री डॉ. कामेश्वर प्रसाद (एम्स और फोर्टिस हेल्थकेयर), डॉ. ओपी यादव (सीईओ, नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट), डॉ. पवन गुरहा (विभागाध्यक्ष, एनेस्थिसियोलॉजी, बत्रा अस्पताल), संजय भूटानी (एमडी, बॉश एंड लॉम्ब इंडिया और सार्क), अमन ऋषि (वीपी और जीएम, स्ट्राइकर इंडिया), अतुल ग्रोवर (प्रबंध निदेशक, भारत और दक्षिण एशिया, बेक्टन डिकिंसन), परमेश्वरन नायर (कंट्री लीडर, एसईए क्षेत्र और भारत, एडवर्ड्स लाइफसाइंसेज) और उद्योग के अन्य प्रमुख शामिल थे।
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विदेश से इन लोगों ने की शिरकत
विदेशी गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. स्टीफन हेसलमैन (मंत्री परामर्शदाता, जर्मन दूतावास), एस्टेले डेविड (व्यापार एवं निवेश आयुक्त, फ्रांस दूतावास), निको शिएट्टेकाटे (स्वास्थ्य एवं कल्याण परामर्शदाता, नीदरलैंड दूतावास) और अन्ना शॉटबोल्ट (उप व्यापार आयुक्त, दक्षिण एशिया, ब्रिटिश उच्चायोग) शामिल थे।