RBL Bank News: पिछले महीने यानी फरवरी में बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई जिसने बैंक ग्राहकों के मन में अनगिनत सवालों को जन्म दिया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई तरह की पाबंदियां लगाईं और लोगों के पैसे निकालने पर भी रोक लगा दी। हालांकि, बाद में एक निर्धारित सीमा तक निकासी की अनुमति दी गई। जब भी इस तरह की खबरें आती हैं, बैंक, खासकर प्राइवेट सेक्टर से जुड़े बैंकों को लेकर चिंता बढ़ जाती है। इसके बाद बैंकों के पिछले रिकॉर्ड खंगालकर यह जानने की कोशिश की जाती है कि RBI की उनके बारे में क्या राय है।
जागरुक रहना जरूरी
RBI समय-समय पर नियमों का उल्लंघन करने वाले बैंकों पर कार्रवाई करता रहता है। कभी कार्रवाई न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक जितनी सख्त होती है, तो कभी आर्थिक जुर्माने तक सीमित रहती है। ऐसे में बैंकों की आर्थिक स्थिति को लेकर ग्राहकों को भी जागरुक रहना चाहिए। उन्हें जानकारी होनी चाहिए कि जिस बैंक में उनका पैसा है या फिर वह पैसा लगाने जा रहे हैं, वो कितना मजबूत है।
जुर्माने की हुई थी चर्चा
इसी कड़ी में हम आज RBL बैंक के बारे में बात करेंगे। पिछले साल प्राइवेट सेक्टर का यह बैंक तब चर्चा में आया था जब केवाईसी से संबंधित नियमों के उल्लंघन पर RBI ने 61.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इससे पहले भी RBI ने नियमों के उल्लंघन को लेकर बैंक के खिलाफ एक्शन लिया है, लेकिन इस तरह की कार्रवाई दूसरे बैंकों पर भी होती रही है। जब Yes बैंक का संकट सामने आया था, तब RBL को लेकर भी सवाल उठे थे। हालांकि, बैंक ने खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बताया था और यह मजबूती आज भी कायम है।
लगातार हुआ विस्तार
निजी क्षेत्र के मजबूत बैंकों में RBL का नाम भी शामिल है और देशभर में इसकी मौजूदगी बढ़ रही है। इस बैंक ने पिछले कुछ समय में काफी विस्तार किया है। 2010 में बैंक की 92 ब्रांच थीं, 2015 में संख्या बढ़कर 196 हुई, 2021 में 462 और 2025 में यह आंकड़ा 558 पहुंच गया है। बैंक के पास एक मजबूत कस्टमर बेस है। इसके ATM की संख्या 411 है। यह BSE और NSE दोनों में लिस्टेड है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2021 में आरबीएल बैंक को केंद्र और राज्य सरकारों के बैंकिंग लेनदेन के लिए एक एजेंसी बैंक के रूप में कार्य करने की अनुमति दी थी, जो बैंक की मजबूती में RBI के विश्वास को दर्शाता है।
FD पर कितना है ब्याज?
RBL बैंक की वेबसाइट के अनुसार, बैंक सेविंग अकाउंट पर सालाना 7% तक ब्याज दे रहा है। जबकि FD यानी फिक्स्ड के मामले में यह सामान्य नागरिकों के लिए अधिकतम 8% है। बैंक 3 करोड़ रुपये से कम की 15 से 45 दिन वाली FD पर सामान्य नागरिकों को 4% और सीनियर सिटीजन को 4.50% ब्याज दे रहा है। 46-90 दिन पर यह क्रमश: 4.50% और 5.00%। 91-180 दिन पर 4.75% और 5.25%। 181-240 दिन पर 5.50% और 6.00%। 241-364 दिनों की FD पर 6.05% और 6.55% ब्याज देता है। 500 दिन की FD पर सामान्य नागरिकों को 8.00% और वरिष्ठ नागरिकों को 8.50% की दर से ब्याज मिलता है।
कैसी है आर्थिक सेहत?
वहीं, बैंक की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो इसका पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) 30 जून 2024 तक 15.6% से बढ़कर 15.9% हो गया था। तिमाही नतीजों के हिसाब से देखें तो दिसंबर तिमाही में बैंक का मुनाफा गिरा है। अक्टूबर-दिसंबर 2024 के दौरान बैंक का स्टैंडअलोन शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 86 प्रतिशत घटकर 32.63 करोड़ रुपये रह गया, जो पहले 233.09 करोड़ रुपये था। दिसंबर तिमाही के दौरान बैंक की स्टैंडअलोन इनकम एक साल पहले के मुकाबले 16 प्रतिशत बढ़कर 4609.66 करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान, RBL बैंक का ग्रॉस NPA रेशियो घटकर 2.92 प्रतिशत रह गया। दिसंबर 2023 तिमाही में यह 3.12 प्रतिशत था। नेट NPA रेशियो भी कम होकर 0.53 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 0.80 प्रतिशत था।