40 Percent Export Duty On Onion : खाने की थाली से प्याज कब गायब हो जाए, पता नहीं चलता। यह प्याज उस समय लगभग गायब हो जाती है जब इसकी कीमत आसामान छूने लगती है। कई बार देखा गया है कि प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति किलो को भी पार कर जाती है। इसका असर लोगों के बजट पर पड़ता है। प्याज की कीमत न बढ़े, इसे लेकर केंद्र सरकार समय-समय पर कदम भी उठाती रहती है। वहीं किसानों को भी इससे नुकसान न हो, इसका भी ध्यान रखा जाता है। इसी को लेकर केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी का शुल्क लगा दिया है। इस कदम से अब किसान विदेशों में भी अपनी प्याज भेज पाएंगे।
क्या है निर्यात शुल्क?
भारत की ओर से कई ट्रेडर दुनिया के कई देशों को प्याज भेजते हैं। इस पर सरकार एक्सपोर्ट ड्यूटी यानी निर्यात शुल्क लेती है। इस शुल्क को लगाने से ट्रेडर्स को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसे कई बार ट्रेडर प्याज को या तो निर्यात ही नहीं करते और अगर करते हैं तो काफी कम। इसका असर होता है कि देश में प्याज की कमी नहीं रहती और इसकी कीमतें नियंत्रण में रहती हैं। जब देश में प्याज की भंडारण ज्यादा हो जाता है तो सरकार निर्यात शुल्क में कटौती कर देती है या इसे हटा भी देती है।
यह होगा असर
जब प्याज की कीमतें बढ़ जाती हैं तो सरकार प्याज के निर्यात पर बैन लगा देती है। इससे देश में प्याज की कमी नहीं रहती। ऐसे में प्याज की कीमतें बढ़ती नहीं हैं और लोगों की थाली से प्याज गायब नहीं होती। प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार ने अगस्त 2023 में इसके निर्यात पर 40 फीसदी का निर्यात शुल्क लगाया था जो 31 दिसंबर तक रहा। इसके बाद सरकार ने प्याज के निर्यात पर पूरी तरह बैन लगा दिया था जो मार्च 2024 तक रहा। हालांकि इस बीच सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इस बैन को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया था। सरकार के मौजूदा निर्णय से उन किसानों और ट्रेडर को भी फायदा होगा जो अपनी प्याज दूसरे देशों में नहीं बेच पा रहे थे। अब वे इसे फिर से दूसरे देशों में भी बेच पाएंगे और उन्हें भी इसकी अच्छी कीमत मिल जाएगी।