Gold New Price: सोने की कीमतों ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बुधवार को सोना प्रति 10 ग्राम 80,000 के आंकड़े को पार कर गया और आज भी इसमें तेजी देखने को मिल रही है। सोने के दाम में आई उछाल के लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप शासन में शेयर बाजार के रिटर्न को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। ऐसे में निवेशक गोल्ड में ज्यादा पैसा लगा रहे हैं।
बढ़ रही है डिमांड
24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत 82,090 रुपए पहुंच गई है। पिछले कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिली है। इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA), के मुताबिक ज्यादा डिमांड और दुनिया भर में सोने की कीमतों में तेजी की वजह से भारत में भी गोल्ड के दाम में उछाल आया है। इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स में गिरावट से सोने की कीमतों को मजबूती मिली है।
गहनों की बिक्री पर असर?
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोना निवेश के सबसे बेहतरीन विकल्पों में से एक है, ऐसे में डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और शेयर बाजार को लेकर बढ़ रही अनिश्चितता ने निवेशकों को सोने में ज्यादा निवेश के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, गोल्ड की कीमतों के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के चलते शादी के सीजन में रिटेल आभूषणों बिक्री प्रभावित होने की भी आशंका है।
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कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।